केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टी जरदारी के भड़काऊ बयान पर पलटवार किया। पाटिल ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि ऐसे दहाड़ने का कोई मतलब नहीं है। अगर हिम्मत है तो भारत आकर दिखाएं। पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौता निलंबित होने के बाद भुट्टो ने धमकी दी थी कि अगर पानी रोका गया तो नदियों में खून बहेगा। 

सूरत में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, मोदीजी कहते हैं- 'जल है तो बल है' (पानी है तो ताकत है)। मोदी साहब ने कहा था कि (सिंधु जल संधि के तहत) पाकिस्तान को पानी नहीं मिलना चाहिए। इस पर बिलावल गुस्से में आ गए। वह कहते हैं कि अगर नदी का पानी नहीं मिलेगा तो भारत में खून की नदियां बहेंगी। भाजपा सांसद ने आगे कहा, क्या इससे हम डर जाएंगे? मैं उनसे (भुट्टो) कहता हूं- भाई अगर आपके पास थोड़ी सी हिम्मत है तो यहां आओ। यह दहाड़ पर ध्यान न दो, पानी बचाना हमारी जिम्मेदारी है। 

पाटिल रविवार को वर्षा जल संचयन के लिए 2,500 से अधिक ढांचों के निर्माण कार्य के शुभारंभ बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान 'जनभागीदारी से जल संरक्षण' कार्यक्रम में शामिल लोगों ने पानी बचाने का संकल्प लिया।

भुट्टो ने शुक्रवार को कहा था, 'सिंधु हमारा है और हमेशा हमारा रहेगा। या तो हमारा पानी इसके जरिए बहेगा या खून बहेगा।'  भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया है, जब तक इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन स्थायी रूप से बंद नहीं कर देता। सिंधु जल समझौते में छह नदियां शामिल हैं- सिंधु, रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम और चेनाब। दाहिने छोर की सहायक नदी भारत से नहीं बहती। रावी, ब्यास और सतलज को पूर्वी नदियां कहा जाता है, जबकि चेनाब, झेलम और सिंधु को पश्चिमी नदियां कहा जाता है।