कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कांग्रेस नेतृत्व लगातार एकजुटता का संदेश देने में जुटा है। हाल ही में डिप्टी मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास पहुंचे और नाश्ते पर उनसे लंबी बातचीत की। अब मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि वे भी 2 दिसंबर, मंगलवार को शिवकुमार के घर नाश्ते के लिए जा सकते हैं, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है।

शनिवार को हुई मुलाकात के बाद बदला माहौल

राज्य की राजनीति में पिछले कुछ सप्ताह से दोनों नेताओं के बीच नेतृत्व परिवर्तन को लेकर असहजता की बात कही जा रही थी। इसी पृष्ठभूमि में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर सिद्धारमैया और शिवकुमार की मुलाकात हुई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने एक सुर में कहा कि पार्टी में किसी तरह का भ्रम या मतभेद नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान ने सिद्धारमैया को फिलहाल पद पर बने रहने के संकेत दिए हैं, खासकर आगामी विधानसभा सत्र तक।

‘यह मुख्यमंत्री और मेरे बीच का विषय’ – शिवकुमार

सोमवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि शिवकुमार ने उन्हें मंगलवार को नाश्ते पर आने के लिए कहा था, लेकिन औपचारिक आमंत्रण का इंतजार है। “अगर वे बुलाते हैं तो मैं अवश्य जाऊँगा,” सीएम ने कहा।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच का मुद्दा निजी है और मीडिया इस पर अनावश्यक दबाव बना रही है। उन्होंने कहा, “हम भाई की तरह काम कर रहे हैं। गुटबाजी की बातें बेबुनियाद हैं, गुट आप बना रहे हैं।”

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर फिर चर्चा

कर्नाटक में दोनों नेताओं के बीच ढाई-ढाई साल के सत्ता-साझेदारी फ़ॉर्मूले की चर्चा लंबे समय से चल रही है। नवंबर में सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद यह अटकलें और तेज हो गई हैं।
सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ही खेमों के नेताओं के बयानों ने भी इस बहस को हवा दी है। हालांकि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ने किसी भी तरह के विवाद की बात को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि पार्टी का जो निर्णय होगा, वही माना जाएगा।