अक्टूबर की शुरुआत से ही देश के कई हिस्सों में सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है। चक्रवाती तूफान मोंथा के असर से कई राज्यों में बारिश का दौर जारी है, जिससे तापमान में अचानक गिरावट आई है और लोगों को ठंडक का एहसास होने लगा है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल भीषण सर्दी के लिए लोगों को कुछ और समय इंतजार करना होगा।

ला नीना से सर्दी पड़ने में हो सकती है देरी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार ला नीना के कमजोर पड़ने के कारण सर्दियों का असर देर से महसूस हो सकता है। वहीं, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में तापमान में गिरावट देखने की संभावना है। विभाग का अनुमान है कि नवंबर में रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है, जबकि दिन का अधिकतम तापमान औसत से कम रहने की उम्मीद है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि प्रशांत महासागर के मध्य भाग में ला नीना कमजोर स्थिति में है। इस दौरान समुद्री सतह का तापमान सामान्य से कम रहता है, जिसका सीधा असर एशिया सहित भारत के मौसम पैटर्न पर पड़ता है।

कई राज्यों में बारिश का दौर जारी रहेगा
महापात्र ने बताया कि दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक ला नीना की स्थिति कमजोर बनी रहेगी। इसी अवधि में उत्तर भारत में ठंडक तेज हो सकती है। फिलहाल नवंबर में भी देश के कई राज्यों में वर्षा के आसार बने हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, बीते अक्टूबर में देशभर में औसतन 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो वर्ष 2001 के बाद इस महीने की दूसरी सबसे अधिक वर्षा रही।

पहाड़ों पर बर्फबारी के संकेत
हिमालयी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है। इसके चलते मौसम विभाग ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। विशेष रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में 5 नवंबर के बाद बर्फ गिरने की प्रबल संभावना है।