राजभवन ने रविवार को कुलपतियों को उनके संबंधित विश्वविद्यालयों का प्रधान अधिकारी बताया और कहा कि इन संस्थानों के अन्य अधिकारी उनकी मंजूरी के बिना सरकार से सीधे आदेश नहीं लेंगे या उन्हें लागू नहीं करेंगे।
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल सी वी आनंद बोस द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति किए जाने को लेकर राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तकरार जारी रहने के बीच यह निर्देश जारी किया गया है।
राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया, ‘पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय अधिनियमों के अनुसार, कुलपति विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यकारी अधिकारी होगा और विश्वविद्यालयों के अन्य सभी प्राधिकारी संबंधित कुलपतियों के निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे।’
परिपत्र में कहा गया कि कुलपतियों ने विभिन्न अवसरों पर बैठकों के दौरान कुलाधिपति (राज्यपाल) के कार्यालय से कुछ मामलों पर स्पष्टीकरण मांगा था। इसमें कहा गया है कि विशेषज्ञों की कानूनी राय के आधार पर विश्वविद्यालयों के भावी मार्गदर्शन को लेकर स्पष्टीकरण जारी किए जा रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया,’विश्वविद्यालय के अधिकारियों को कुलपतियों द्वारा जारी आदेशों को लागू करना है और उन्हें कुलपति की जानकारी एवं मंजूरी के बिना सरकार से सीधे आदेश लेने या या उन पर अमल करने का अधिकार नहीं है।’ इसमें स्पष्ट किया गया है कि कुलसचिव और अन्य अधिकारियों के पास कुलपति को दरकिनार कर कार्य करने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है।