मोदी सरकार के बारे में एक बात हमेशा कही जाती है कि वह जनता के मूड को समय से पहले भांप लेती है और उसी के हिसाब सही समय पर सही कदम उठा लेती है. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में जब पॉपकॉर्न पर अलग-अलग तरह के टैक्स रेट का ऐलान किया गया था, तो आम लोगों ने उसका स्वागत ‘मीम्स’ के जरिए किया था. शायद यही वजह है कि देश की जरूरत और जनता के मूड को देखते हुए सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव और कुछ समय बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा बजट पेश किया, जो हर किसी को खुश करे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एम्प्लॉई से लेकर बॉस तक, किसान से लेकर व्यापारी तक, बजट 2025 में सभी की उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश की है.
50.65 लाख करोड़ का बजट
सबसे पहले ये बात जान लेते हैं कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने जो बजट पेश किया है. वह पूरे 50.65 लाख करोड़ रुपए का है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में अनुमान जताया गया है कि अगले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ मैक्सिमम 6.8 प्रतिशत तक रह सकती है. ऐसे में इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए देश को इतने बड़े बजट की जरूरत थी ही. वहीं ये सरकार के मौजूदा वित्त वर्ष के बजट से करीब 6 लाख करोड़ रुपए अधिक है.
एम्प्लॉई से बॉस तक…सब खुश
बजट का सबसे बड़ा ऐलान न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री करना, इसके अलावा 75,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख की इनकम पर इफेक्टिव इनकम टैक्स शून्य हो जाना रही. ये ऐसी घोषणा है जिसने सैलरी क्लास में एम्प्लॉई से लेकर बॉस तक सभी को खुश करने का काम किया है. अभी देश में 15 लाख रुपए से अधिक की इनकम पर ही 30 प्रतिशत का टैक्स लगता है, जो अब 24 लाख रुपए कर दिया गया है.
इस तरह लोअर साइड पर जहां सरकार ने सैलरीड क्लास की टैक्स फ्री लिमिट को 5 लाख रुपए (अभी 7.75 लाख रुपए है) बढ़ाया है, वहीं अपर बैंड वालों के लिए ये बेनेफिट 9 लाख रुपए का है. इस सैलरी स्ट्रक्चर के अंदर देश की एक बड़ी आबादी आ जाती है, जिसमें सबसे जूनियर स्टाफ से लेकर मिड-लेवल बॉस तक सभी आ जाते हैं. इस तरह बजट ने सैलरी क्लास के एक बड़े ग्रुप को खुश किया है.
किसान और व्यापारी को सौगात
सैलरीड क्लास को टैक्स बेनेफिट देकर जहां सरकार ने कंजप्शन को बूस्ट देने का प्लान बनाया है. वहीं देश कंजप्शन को बड़ी आबादी की पहुंच तक बनाए रखने के लिए किसान और वेल्थ क्रिएशन और सैलरी देने वाले व्यापारी वर्ग (MSME Sector)के लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान किया है.
कृषि क्षेत्र के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’, दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन, सब्जियों और फलों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम, बिहार में मखाना बोर्ड, राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन, मत्स्य उद्योग, कपास उत्पादकता मिशन और किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का प्रावधान किया है.
इसी के साथ सरकार ने एमएसएमई वर्ग के लिए कई घोषणाएं की. जैसे कि एमएसएमई के कैटेगराइजेशन को बदला गया है. निवेश और कारोबार की सीमा को बढ़ाया गया है. 10 लाख माइक्रो इंडस्ट्रीज के लिए 5 लाख रुपए की लिमिट वाले कस्टमाइज क्रेडिट कार्ड, स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड, अनुसूचित जाति और जनजाति की 5 लाख महिला उद्यमी को 2 करोड़ रुपए तक के ऋण की सुविधा, फुटवियर और लेदर सेक्टर के लिए एक्सपोर्ट को सुगम बनाने, टॉय इंडस्ट्री के लिए योजना लाने और मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने का ऐलान किया है.
महिलाओं और युवाओं का ध्यान
बजट में महिलाओं और युवाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है. महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के विस्तार का ऐलान किया गया है. वहीं भविष्य की पीढ़ी को तैयार करने के लिए 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स, सरकारी स्कूलों और प्राथमिक स्वारूस्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने, भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम, नेशनल स्किल एक्सीलेंसी सेंटर, आईआईटी की कैपेसिटी का विस्तार करने का प्रस्ताव है.
वहीं मेडिकल कॉलेज की सीटों का विस्तार, जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर, गिग-वर्कर्स (डिलीवरी बॉयज) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस, फेरीवालों के लिए पीएम स्वनिधि का विस्तार और यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड इत्यादि पर भी फोकस किया गया है.
देश का विकास
सरकार ने अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर को भी बनाए रखा है, जो देश के विकास के लिए जरूरी है. इसमें प्राइवेट पार्टनरशिप में पाइपलाइन बिछाने, नए मंत्रालय बनाने, राज्यों को इंफ्रा के लिए एक्स्ट्रा मदद देने, जल जीवन मिशन, एसेट मोनेटाइजेशन स्कीम, शहरी विकास के लिए योजना, परमाणु ऊर्जा मिशन, शिप बिल्डिंग, समुद्री विकास फंड, उड़ान योजना का विस्तार, बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, माइनिंग सेक्टर में रिफॉर्म और आवासों के निर्माण को पूरा करने के लिए स्वामिह फंड 2 योजना जैसे प्रस्ताव बजट में रखे गए हैं.
इसके अलावा सरकार ने अप्रत्यक्ष कर में सुधार, ज्ञान भारतम मिशन, पीएम रिसर्च फैलोशिप और इनोवेशन में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की बात बजट में की है.