मुंबई। बॉलीवुड फिल्मों को लेकर बायकॉट ट्रेंड चला हुआ है। इसी के चलते कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ध्वस्त हो चुकी हैं। अक्षय कुमार, आमिर खान और रणबीर कपूर जैसे बड़े स्टार्स भी अपनी फिल्मों को सफल कराने में कामयाब नहीं हो सके हैं। वहीं, बायकॉट और कैंसिल कल्चर पर अभी तक सिनेमा जगत की कई हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसी कड़ी में अब लिरिसिस्ट जावेद अख्तर का रिएक्शन भी सामने आया है।
एक इंटरव्यू के दौरान जब जावेद अख्तर से कैंसिल कल्चर को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे एक ‘गुजरता दौर’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई कल्चर काम करता है। अगर फिल्म अच्छी है और दर्शकों द्वारा इसकी सराहना की जाती है, तो यह जरूर सफल होगी। अगर यह अच्छी नहीं है और दर्शकों इसे पसंद नहीं करते, तो यह काम नहीं करेगी। मुझे नहीं लगता कि कैंसिल कल्चर और बायकॉट की इस तरह की अपील कोई काम करती है।’
जहां इंडस्ट्री की कई हस्तियों ने माना है कि बॉलीवुड एक अजीब समय से गुजर रहा है, वहीं कई पैन इंडिया फिल्में हिंदी पट्टी में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। ताजा उदाहरण अभिनेता निखिल की तेलुगू फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ है, जिसने विजय देवरकोंडा की बॉलीवुड डेब्यू ‘लाइगर’ की तुलना में बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है।
इतना ही नहीं कई छोटे बजट की फिल्मों ने बड़े बजट में बनी ‘लाल सिंह चड्ढा’, ‘शमशेरा’ और ‘रक्षा बंधन’ को भी बॉक्स ऑफिस पर धूल चटा दी है। इन सभी फिल्मों का बायकॉट किया गया था, जिसका असर बॉक्स ऑफिस पर हुई इनकी कमाई में साफ देखना को मिला था। ऐसे में इस बायकॉट ट्रेंड को लेकर फिल्ममेकर्स भी छोड़े चिंतित हैं।