जदयू की गुटबाजी सामने आई, आरसीपी सिंह के स्वागत समारोह से दूर रहे ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा

जनता दल (यूनाइटेड) जदयू के बड़े नेता भले इनकार करें मगर केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के बिहार पहुंचने के बाद जनता दल यूनाइटेड की गुटबाजी सामने आ गई।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ना तो पार्टी कार्यालय में उपस्थित थे, ना ही स्वागत समारोह के दौरान। जदयू की गुटीय राजनीति में ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का एक साथ रहना जरूरी है और मजबूरी भी।

प्रदेश संगठन और प्रकोष्ठों में आरसीपी ने अपने करीबी लोगों को बैठा दिया है। ऐसे में ललन सिंह के लिए भी रास्ते आसान नहीं होंगे। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी आरसीपी के नजदीकी हैं। छह अगस्त को राजधानी पटना में ललन सिंह का ऐतिहासिक स्वागत हुआ था। ललन सिंह की यात्रा में आरसीपी सिंह के समर्थकों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

बदले में ललन सिंह के समर्थकों ने भी ऐसा आरसीपी सिंह के स्वागत समारोह के दौरान किया। भीड़ जुटाने के मामले में आरसीपी सिंह, पर ललन सिंह भारी पड़े हैं।

अंदरूनी तौर पर ललन सिंह के सारे रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी चल रही थी, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। जदयू में गुटबाजी के कारण पार्टी को सुचारू ढंग से चलाना नीतीश कुमार के लिए मुश्किल होता जा रहा है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि आरसीपी सिंह जदयू की मुख्यधारा की राजनीति से किनारे लगा दिये जाएंगे। अगले साल के अप्रैल-मई महीने में आरसीपी सिंह का राज्यसभा का दूसरा कार्यकाल समाप्त होने वाला है।

उसके बाद शायद ही नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजें। नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि जदयू में सिर्फ लव कुश को ही नहीं, सवर्णों को भी तरजीह मिलती है।

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