कर्नाटक: मतदाता सूची में धांधली को लेकर सिद्धारमैया का भाजपा पर निशाना

कर्नाटक में वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) क्षेत्र में एक निजी संस्था द्वारा मतदाता धोखाधड़ी के मामले में भारतीय चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने मामले में संलिप्त दो अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग के इस रुख को लेकर कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आयोग ने हमारी शिकायत को गंभीरता से लिया और शिवाजीनगर, महादेवपुरा और चिकपेट निर्वाचन क्षेत्रों के 3 निर्वाचन अधिकारियों के साथ 2 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। यह साफ करता है कि कदाचार किया गया था। 

कर्नाटक नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने किया अनुरोध
कर्नाटक नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने आगे कहा कि मैं चुनाव आयोग से बेंगलुरू के सभी 28 निर्वाचन क्षेत्रों की जांच करने का अनुरोध करता हूं। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) कहते हैं कि मेरी सरकार के कार्यकाल में भी छेड़छाड़ की गई, तो उन्हें न्यायिक जांच करानी चाहिए। इस वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ मामले में सीएम बसवराज बोम्मई अहम कड़ी हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में चुनाव आयोग पर लोगों का भरोसा बरकरार रखने के लिए जांच की जानी चाहिए। 

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, ये मामला राज्य की तीन विधानसभा सीटों- 162 शिवाजीनगर, 169 चिकपेट और 174 महादेवपुरा से जुड़ा हुआ है। ये तीनो विधानसभा सीटें बीबीएमपी क्षेत्र में आती हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में एक निजी संस्था द्वारा नाम जोड़ने और हटाने के आरोप हैं। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को 100 फीसदी जांच के निर्देश दिए थे।

आयोग ने दिए निर्देश
चुनाव प्राधिकरण ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को 1 जनवरी, 2022 के बाद शिवाजीनगर, चिकपेट और महादेवपुरा विधानसभा सीटों की मतदाता सूची में जोड़े गए नामों और हटाए गए नामों की एक सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा करने का निर्देश दिया था, ताकि उन्हें दावे और आपत्तियां फाइल करने में सक्षम बनाया जा सके।

कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
चुनाव आयोग के ये निर्देश कांग्रेस द्वारा चुनाव प्राधिकरण में याचिका दाखिल करने के बाद आए हैं। अपनी याचिका में कांग्रेस ने कर्नाटक में मतदाता सूची में धोखाधड़ी मामले की विस्तृत जांच की मांग की थी। 

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इन तीनों विधानसभाओं की मतदाता सूची से 27 लाख नाम हटा दिए गए थे और 11 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए थे। कांग्रेस ने यह दावा भी किया था कि एक निजी कंपनी के कर्मचारियों ने सरकारी अधिकारियों के रूप में मतदाताओं का डेटा एकत्र किया था।

कांग्रेस के आरोपों के बाद, भारतीय चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने की कवायद की देखरेख के लिए वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के बाहर के अधिकारियों को नियुक्त किया था। 

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