काशी ज्ञानवापी प्रकरण: राखी सिंह द्वारा केस वापिस लेने की घोषणा

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर सर्वे मामले में नया मोड़ आ गया है। ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे, वीडियोग्राफी व शृंगार गौरी दर्शन पूजन मामले में वादियों में ही फूट हो गई है। एक वादी राखी सिंह ने सोमवार को अपना केस वापस लेने की बात कही है। जबकि बाकी चार वादी महिलाओं ने केस वापस लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हम लड़ाई जारी रखेंगे।

वहीं वादी मंजू व्यास ने कहा है कि किसी भी हाल में मुकदमा वापस नहीं होगा। वे मरते दम तक मुकदमा वापस नहीं लेंगी। एक वादी के मुकरने से केस वापस नहीं होगा। हर हाल में मुकदमा जारी रहेगा। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की ओर से पांच महिलाओं में से एक राखी सिंह ने केस वापस लेने की घोषणा की है।

आगे की रणनीति बनाने में जुटे हिंदू पक्ष के अधिवक्ता

हिंदू पक्ष का कहना है कि बाकी चार वादी केस वापस नहीं लेंगी। इसे लेकर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। चार वादी जिन्होंने केस जारी रखने का फैसला किया है। उनमें मंजू व्यास के अलावा सीता साहू, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक शामिल हैं।

याचिका दाखिल करने वाली महिलाएं

बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन वादी पक्ष की ओर से मौजूद नहीं थे। इसके बाद से ही फूट की आशंका बढ़ गई थी। केस की अगुवाई करने वाली संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ ने शनिवार को अपने लेटर हेड पर जानकारी साझा करते हुए विधि सलाहकार समिति को भंग कर दिया था।

बीते साल महिलाओं ने दाखिल की थी याचिका
दरअसल 18 अगस्त 2021 को पांच महिलाएं शृंगार गौरी में नियमित दर्शन पूजन की मांग को लेकर कोर्ट पहुंची थीं। महिला वादियों ने कहा था कि शृंगार गौरी मंदिर में पहले की परंपरा के अनुसार साल में दो बार पूजा होती थी। लेकिन हमारी मांग है कि देवी विग्रहों का नियमित दर्शन पूजन करने की अनुमति दी जाए।

इसमें किसी प्रकार की बाधा न डाली जाए। कोर्ट ने इस अपील पर सिविल जज ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी का आदेश दिए और 10 मई को रिपोर्ट मांगी है। इसके पहले मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण सर्वे पूरा नहीं हो सका है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई होनी है।मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता एखलाक अहमद ने कहा कि यदि किसी केस में पांच वादी हैं और कोई एक वादी अपना केस वापस लेता है और बाकी के चार वापस नहीं लेते हैं। तब भी केस जारी रहता है। जब तक सभी वादी अपना केस वापस न लें लें तब तक केस स्टैंड करता है। इसमें तकनीकी पहलुओं को अदालत देखता है।

कोर्ट के आदेश के बाद अब तक क्या-क्या हुआ

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे के दौरान हंगामा

कोर्ट के आदेश पर छह मई को कोर्ट कमिश्नर ने सभी पक्षों के साथ गहमागहमी के बीच सर्वे किया। पहले दिन काफी ज्यादा हंगामा और नारेबाजी हुई। दूसरे दिन सात मई को मस्जिद के अंदर मुस्लिमों के प्रवेश नहीं देने पर कोर्ट कमिश्नर ने कार्यवाही को रोककर सर्वे नौ मई के लिए टाल दिया। उधर, सात मई को विपक्षी अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के सर्वे की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अदालत में उनको बदलने की मांग की। अदालत ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए नौ मई तक सुनवाई टाल दी।

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