झंडा ऊंचा रहे हमारा !

76वें स्वतंत्रता दिवस पर मैं साइबर सिटी गुरुग्राम में हूं। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत साइबर सिटी तिरंगामय हो गई। पुलिस कमिश्नर बाला रामचंद्रन ने सेक्टर 82 की वाटिका से 5 कि.मी की मैराथन दौड़ को झंडी दिखा कर रवाना किया। उद्योग विहार फेज-5, पालम विहार, सुशांत लोक, सेक्टर 12, सेक्टर 15-ए, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सेक्टर 14 आदि सेक्टरों में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान व रैलियों का आयोजन हुआ। ग्रामीण अंचल फर्रूखनगर, मानेसर, पटौदी आदि स्थानों में तिरंगा यात्राओं की और भारत माता की जय के नारों की गूंज रही।

करोड़ों भारतीयों की भांति हमें भी बचपन से तरंगित करता रहा है। ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा, विश्व विजयी तिरंगा प्यारा’ का राष्ट्रगीत स्कूल की प्रार्थना में शामिल था। इस गीत के रचियता श्यामलाल पार्षद (कानपुर) के पवित्र दर्शन का सौभाग्य मुझे परम् आदरणीय रामचंद्र ‘विकल’ की कृपा से लगभग दो दशक पूर्व दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में प्राप्त हुआ। ‘विकल’ जी के जन्मदिन पर पार्षद जी का अभियान व स्वागत किया गया था। अध्यक्षा डॉ.कर्णसिंह ने की थी।

राष्ट्रध्वज देश की आन-बान-शान का प्रतीक है। स्वाधीनता संग्राम के दौरान तिरंगे की रक्षा में देशभक्तों ने प्राण तक अर्पित कर दिये। तिरंगे की अनगिनत गौरव गाथायें हैं। यह हम भारतीय के लिये प्रेरणापुंज है किंतु संकीर्ण मानसिकता के हारे-थके-पिटे कुछ नेताओं ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को भी अपनी छुद्र राजनीति का आधार बना लिया। तिरंगे को आरएसएस के भगवा ध्वज से जोड़ना, तिरंगे के अशोक चक्र को काट कर उस पर चांद सितारे का निशान बनाना, हर घर को तिरंगा उपलब्ध कराने को सरकार का धंधा बताना, केंद्रीय राज्यमंत्री सुभाष सरकार को मेदिनीपुर में झंडा फहराने से रोकना और नंदीग्राम में शिवेंद्रु अधिकारी को तिरंगा रैली निकालने से रोकना घृणित व ओछी मानसिकता का परिचायक है।

हताश-निराश नेताओं की कुंठा के बावजूद भारत भर में करोड़ों भारतीयों ने तिरंगे को नमन कर राष्ट्रवाद को पुष्ट किया, यह हमारे लोकतंत्र की महानता है। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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