जानिए क्या है अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन? इससे हटाए जा सकते हैं राष्ट्रपति ट्रंप

यूएस कैपिटल बिल्डिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा मचाए गए उत्पात के कारण 6 जनवरी की तारीख अमेरिका के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हो गई. इस घटना में ट्रंप की कट्टर समर्थक एशली बेबबिट समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है. ट्रंप समर्थकों की हरकत के कारण पूरी दुनिया में अमेरिका को शर्मसार होना पड़ा.

घटना के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप को तत्काल राष्ट्रपति पद से हटाए जाने की मांग तेज हो रही है. इसके लिए अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन में इसका प्रावधान है. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ‘जो बाइडन’ ने यूएस कैपिटल भवन (अमेरिकी संसद भवन) में ट्रंप समर्थकों के हंगामे को राजद्रोह करार दिया.

वहीं, स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यदि ट्रंप को 25वें संशोधन के तहत राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जाता है, तो अमेरिकी संसद महाभियोग की कार्यवाही की ओर बढ़ सकती है. उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस से अपील की है कि इस दिशा में कार्रवाई करें.

क्या है अमेरिकी संविधान में 25वां संशोधन, क्यों पड़ी जरूरत?

अमेरिकी संविधान में 25वां संशोधन ऐसा है, जिसे लागू करके राष्ट्रपति को उसके पद से हटाया जा सकता है. साल साल 1967 में संविधान में 25वां संशोधन किया गया था. दरअसल, 1963 में अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद इस संशोधन की जरूरत पड़ी, ताकि यह तय किया जा सके कि राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी कौन होगा. इसी संशोधन के तहत यह भी तय किया गया कि राष्ट्रपति की अयोग्यताएं क्या-क्या हो सकती हैं.

संविधान के 25वें संशोधन में हैं 4 सेक्शन

अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन में मुख्यत: यही कहा गया है कि जब कोई राष्ट्रपति मानसिक या शारीरिक रूप से फिट न हो तो उसे पद से हटाया जा सकता है. 25वें संशोधन में कुल 4 सेक्शन हैं.

1st Section: यदि किसी राष्ट्रपति को उनके पद से हटाना पड़ता है, उनकी मौत हो जाती है या फिर वे किसी कारणवशन इस्तीफा दे देते हैं, तो फिर इस परिस्थिति में उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति का पद संभालेंगे.

2nd Section: संविधान के 25वें संशोधन के दूसरे सेक्शन के मुताबिक, अगर उपराष्ट्रपति का पद भी खाली होता है तो फिर उस स्थिति में राष्ट्रपति, वाइस प्रेसिडेंट को नॉमिनेट करेंगे. इस प्रक्रिया में वह कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत के आधार पर पद संभालेगा.

3rd Section: तीसरे सेक्शन में राष्ट्रपति द्वारा सत्ता सौंपने को लेकर जिक्र किया गया है. इसके अंतर्गत यदि राष्ट्रपति अपनी अक्षमता या अयोग्यता की घोषणा करने में सक्षम है, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेगा.

4th Section: संविधान के 25वें संशोधन में चौथा सेक्शन सबसे अहम है. इस सेक्शन में कहा गया है कि यदि राष्ट्रपति सत्ता हस्तांतरित करने में या फिर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम नहीं है या अयोग्य है तो फिर उसे पद से हटाया जा सकता है.

इस प्र​क्रिया में अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट और कैबिनेट को बहुमत से इस बिंदु पर हस्ताक्षर करना होगा कि मौजूदा राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा पा रहे हैं. प्रावधानों के मुताबिक, इसके लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.

डोनल्ड ट्रंप के संदर्भ में ऐसे समझें

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संचार पर शोध कर चुके डॉ निरंजन कुमार कहते हैं, “डोनाल्ड ट्रंप के रवैये और उनके समर्थकों की हरकतों के बाद हालिया परिदृश्य में इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि यदि राष्ट्रपति अपने कामों को ठीक से करने योग्य नहीं है, या फिर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है और इसके बावजूद वह पद (कुर्सी) छोड़ने को तैयार नहीं है, तो उसे इस संशोधन के प्रावधानों के अनुसार पद से हटाया जा सकता है.”

यूएस कैपिटल बिल्डिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा मचाए गए उत्पात के कारण 6 जनवरी की तारीख अमेरिका के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हो गई. इस घटना में ट्रंप की कट्टर समर्थक एशली बेबबिट समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है. ट्रंप समर्थकों की हरकत के कारण पूरी दुनिया में अमेरिका को शर्मसार होना पड़ा.

घटना के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप को तत्काल राष्ट्रपति पद से हटाए जाने की मांग तेज हो रही है. इसके लिए अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन में इसका प्रावधान है. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ‘जो बाइडन’ ने यूएस कैपिटल भवन (अमेरिकी संसद भवन) में ट्रंप समर्थकों के हंगामे को राजद्रोह करार दिया.

वहीं, स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यदि ट्रंप को 25वें संशोधन के तहत राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जाता है, तो अमेरिकी संसद महाभियोग की कार्यवाही की ओर बढ़ सकती है. उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस से अपील की है कि इस दिशा में कार्रवाई करें.

क्या है अमेरिकी संविधान में 25वां संशोधन, क्यों पड़ी जरूरत?

अमेरिकी संविधान में 25वां संशोधन ऐसा है, जिसे लागू करके राष्ट्रपति को उसके पद से हटाया जा सकता है. साल साल 1967 में संविधान में 25वां संशोधन किया गया था. दरअसल, 1963 में अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद इस संशोधन की जरूरत पड़ी, ताकि यह तय किया जा सके कि राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी कौन होगा. इसी संशोधन के तहत यह भी तय किया गया कि राष्ट्रपति की अयोग्यताएं (PRESIDENTIAL VACANCY, DISABILITY AND INABILITY) क्या-क्या हो सकती हैं.

डेमोक्रेटिक ही नहीं, ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के नेता भी विरोध में

अमेरिका के कई नेताओं ने 25वें संशोधन के जरिये डोनल्ड ट्रंप को पदच्युत करने की मांग की है. डेमोक्रेटिक पार्टी के वर्जीनिया से सांसद डोनाल्ड बेयर समेत कई नेता ऐसी मांग कर रहे हैं. वहीं, डोनल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के भी कई नेता उन्हें पद से हटा देने की मांग कर रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर फिल स्कॉट ने ट्वीट किया है कि डोनल्ड ट्रंप को इस्तीफा दे देना चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो फिर कांग्रेस या कैबिनेट को उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा देना चाहिए.

हालांकि, अभी भी डोनाल्ड ट्रंप के पास जो बाइडन को सत्ता ट्रांसफर करने के लिए 14 दिनों का समय बचा हुआ है. संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस कहा कि यदि 25वें संशोधन के तहत ट्रंप को राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जाता है, तो अमेरिकी संसद महाभियोग की कार्यवाही की ओर बढ़ सकती है.

ट्रंप के समर्थकों ने की हिंसा, विरोध प्रदर्शन और गोलीबारी

अमेरिकी संसद के बाहर बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने हजारों की तादाद में जुटकर यूएस इलेक्शन के नतीजों को पलटने की मांग पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग को घेर लिया. वहां सुरक्षाकर्मियों से उनकी झड़प हुई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गोलियां भी चलाईं, जिसमें एशली बेबबिट नाम की ट्रंप समर्थक महिला समेत चार लोगों की मौत की खबर है.

महिला दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डियागो की रहने वाली थी. ट्रंप की कट्टर समर्थक महिला ने मौत से पहले ट्वीट किया था, “हमें कोई रोक नहीं सकता.” घटना में चार लोगों के मौत की खबर है, हालांकि वाशिंगटन पुलिस ने एक ही मौत की पुष्टि की और कहा कि जांच चल रही है.

अमेरिकी मीडिया ने लिखा- अगले 13 दिन खतरनाकअमेरिका के एक बड़े और विख्यात समाचार समूह CNN ने अपने ही देश के लिए आने वाले 13 दिनों को बेहद खतरनाक बताया है. अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग की घटना अमेरिका के इतिहास में एक धब्बे की तरह दर्ज हो गई है. ट्रंप के समर्थक बेकाबू भीड़ में तब्दील होकर संसद भवन पर हमला किए, तोड़फोड़ की और गोलियां चलाई. इस घटना पर CNN ने जो हेडलाइन दी, वह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. CNN ने लिखा- 13 Dangerous Days Ahead. दुनिया को लोकतंत्र की दुहाई देने वाले अमेरिका में ऐसी स्थिति पैदा हुई. सीएनएन का यह शीर्षक पूरी दुनिया के लिए एक संदेश की तरह है.

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