जेडीएस के भाजपा में विलय की अटकलों पर कुमारस्वामी ने तोड़ी चुप्पी

जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के भाजपा में विलय की अटकलों के बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस-भाजपा उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो जेडीएस का भाजपा में विलय होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। वे साथ मिलकर काम करेंगे। 

मीडिया से साक्षात्कार के दौरान एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “हमारी पार्टी का किसी अन्य पार्टी के साथ विलय का कोई सवाल ही नहीं उठता। जैसा कि मैं आपको बता रहा हूं, इसका कोई सवाल ही नहीं है। अगर भाजपा हमारे साथ अच्छा व्यवहार करती है और सबकुछ ठीक रहा तो जेडीएस का भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। हम साथ में काम करेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “मैं सिद्धारमैया से कहना चाहूंगा कि अगर 100 सिद्धारमैया भी हमारे खिलाफ हो जाए तो वे हमारी पार्टी के साथ कुछ नहीं कर सकते हैं। वे नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं।”

पीएम मोदी और देवगौड़ा के संबंध पर कुमारस्वानी की प्रतिक्रिया
2006 में एचडी कुमारस्वामी अपने 42 विधायकों के साथ जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन से बाहर हो गए थे। उन्होंने अपने पिता, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की इच्छा के खिलाफ जाकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उनसे जब पूछा गया कि एचडी देवगौड़ा को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देवगौड़ा के बीच व्यक्तिगत संबंध माना जा सकता है।

इस पर कुमारस्वामी ने कहा, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखे थे, तब देवगौड़ा उनके प्रमुख आलोचकों में से एक थे। इन आलोचनाओं के बावजूद मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने (देवगौड़ा) उनसे (पीएम मोदी) मुलाकात भी की थी। एचडी देवगौड़ा अपने संसदीय क्षेत्र से इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें इस्तीफा नहीं देने की सलाह दी थी। यह पीएम मोदी की देवगौड़ा जी के लिए सम्मान को दर्शाता करता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वे एक-दूसरे से मिलते रहे।”

2018 में कांग्रेस के साथ जाने पर दी सफाई
देवगौड़ा के राजनीतिक करियर पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “2018 में देवगौड़ा जी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। अपने 60-62 साल के करियर में उन्होंने हमेशा धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। स्थानीय पार्टियों की मदद से कांग्रेस ने कई अन्य स्थानीय पार्टियों को नष्ट किया।

कांग्रेस ने कई बार देवगौड़ा जी का भी अपमान किया है। 1995 में यूनाइटेड फ्रंट ने देवगौड़ा जी का पीएम उम्मीदवार के तौर पर समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस ने नहीं किया। जब उन्हें हटाया गया, तब भी उन्हें कोई कारण नहीं बताया गया था। 2004 में देवगौड़ा जी को जब छोड़ दिया गया तब भी उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया। उस दौरान अरुण जेटली ने देवगौड़ा जी को भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।”

कांग्रेस पर जमकर बरसे कुमारस्वामी
पार्टी के नाम से धर्मनिरपेक्षता (सेक्यूलर) शब्द हटाने को लेकर कुमारस्वामी ने कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, “धर्मनिरपेक्षता का मतलब क्या है? मैं यह कांग्रेस से पूछना चाहता हूं। वे हर दिन जाति संरचना का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे इससे पार्टी को लाभ दिलाना चाहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता को कोई मतलब नहीं है। कुमारस्वामी ने आगे कहा कि द्रमुक की बात करें तो उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों से, केंद्र के साथ हाथ मिलाया था। उन्होंने अपनी इच्छानुसार फैसला किया था।   

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