‘झंडा लगाने को मंगाई थी लाठी, भटककर लाल किला पहुंचे किसान’, अपने वायरल वीडियो पर टिकैत की सफाई

ट्रैक्टर मार्च में हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत का एक बयान सामने आया है. ट्रैक्टर मार्च से पहले दिए गए इस बयान में राकेश टिकैत किसानों से डंडे लाने की बात कर रहे हैं. अब खुद पर लग रहे हिंसा को भड़काने के आरोपों पर टिकैत की सफाई भी आ गई है. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि किसान पढ़ना-लिखना नहीं जानते और गलती से लाल किले पहुंच गए थे.

डंडे लाने की बात कहने वाले वीडियो की सफाई में राकेश टिकैत ने कहा, ‘मैंने झंडा लगाने के लिए अपने डंडे लाने की बात कही थी. आप खुद बताएं कि बिना डंडे के झंडा कैसे लगता है.’

किसान नेता राकेश टिकैत से जब लाल किले पर हुए प्रदर्शन और हिंसा की बात की गई तो वह बोले, ‘ट्रैक्टर चलाने वाले किसान तो अनपढ़ थे. उन्हें तो दिल्ली के रास्ते पता तक नहीं थे. प्रसाशन ने ही उन्हें दिल्ली के रास्ते बताए. वे लोग दिल्ली गए और वापस आ गए. उनमें से कुछ गलती से लाल किले की तरफ चले गए थे. पुलिस ने वापस आने में उनकी मदद की.’

लाल किले पर हुए हिंसा के बारे में टिकैत ने कहा, ‘जिन्होंने लाल किले पर झंडे फहराए उन्हें अपने किए की सजा मिलेगी. पिछले 2 महीनों से एक खास समुदाय के खिलाफ साजिश रची जा रही है. यह सिखों का आंदोलन नहीं है, किसानों का है.’

दीप सिंधु जिनपर लाल किले पर झंडा फहराने का आरोप लगा है उनपर बात करते हुए टिकैत ने कहा, ‘दीप सिंधु सिख नहीं, बीजेपी का कार्यकर्ता है. उनकी पीएम मोदी के साथ तक तस्वीर है. यह किसानों का आंदोलन है और वही रहेगा. कुछ लोगों को तुरंत यहां ये हटाया जाएगा, जिन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ी को आंदोलन का हिस्सा नहीं हो सकते.’

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