लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह बने उत्तराखंड के नए राज्यपाल, ग्रहण की शपथ

 लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने आज उत्तराखंड के राज्यपाल पद की शपथ ली. गुरमीत सिंह ने राज्य के आठवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने उन्हें राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धन सिंह रावत समेत कई नेता मौजूद रहे. इसके साथ की मुख्य सचिव एसएस संधू और सभी आलाधिकारी भी शपथ ग्रहण समारोह मौजूद रहे. राजभवन पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह का स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पुष्प गुच्छ भेंट किया.

चार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित 

जानकारी के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना से 2016 में सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने सेना में करीब 40 वर्ष की सेवा दी. इस दौरान उन्होंने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवॉर्ड प्राप्त किए. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे हैं. 

चीन मामलों के जानकार 

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह चीन मामलों से जुड़े मिलिट्री ऑपरेशन के निदेशक भी रहे हैं. जिन्होंने 7 बार चीन जाकर  इन मामलों में भारत का पक्ष रखा है.  उन्होंने सैनिक स्कूल कपूरथला (पंजाब) से स्कूलिंग की और नेशनल डिफेंस कॉलेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से स्नातक किया है. गुरमीत सिंह ने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम फिल डिग्री ली है. गुरमीत सिंह चेन्नई विश्वविद्यालय से ‘स्मार्ट पावर फार नेशनल सिक्योरिटी डायनेमिक्स’ विषय पर पीएचडी की है.

साथ मिलकर उत्तराखंड का विकास करना होगा 

शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि, वीरों की भूमि उत्तराखंड में मुझे राज्यपाल के पद पर काम करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड के विकास के लिए सबको साथ मिलकर काम करना होगा. इसके साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन के तौर पर भी अपार संभावनाएं हैं, जिसके लिए राज्य सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है. वहीं, उन्होंने देव भूमि के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड की बच्चियों को भी फौज में जाने का मौका मिल सके, इस पर काम किया जाएगा. राज्यपाल ने उत्तराखंड के चारों धामों का जिक्र करते हुए कहा कि यह वीरों की भूमि होने के साथ-साथ देवों की भूमि भी है, मैं सभी को नमन करता हूं. 

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