कृषि कानूनों,युवा अभी कानून वापसी मांग रहे हैं, अगर कुर्सी वापस मांगी तो दिक्कत होगी- राकेश टिकैत

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन जारी है. शनिवार को चक्का जाम के बाद किसान नेताओं ने फिर दोहराया कि उन्हें कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.किसान संगठनों ने कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है.

MSP पर कानून बनाए सरकार- टिकैत

राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में कहा कि युवा अभी सिर्फ आंदोलन वापसी की मांग कर रहा है. अगर उसने कुर्सी वापसी की मांग कर ली तब क्या होगा. सरकार के पास वक्त है कि वह कानून वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाएं.

महिलाओं के गुस्से का बाद में करेंगे इस्तेमाल- राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने आगे कहा, महिलाओं के ग़ुस्से का वक़्त आने पर इस्तेमाल करेगें. उत्तराखंड में बड़ी त्रासदी हुई है. कई लोगों के मारे जाने की खबर है. हम सबसे इस त्रासदी में मदद करने की अपील करते हैं. तीनों माँगो को सरकार माने. जहां किसान बुलाएंगे वहां जाएंगे. किसानों का मोर्चा बहुत मज़बूत है.

व्यापारियों की है सरकार- राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा, व्यापारियों की सरकार है. गरीबों को जोड़ने की जरुरत है. गाँव के लोग दिल्ली के आदोलन में जाएं. कानून वापस होने तक अपने जिले अपनी घर की सीमा में नहीं जाउंगा. हमारा संगठन सभी बिरादरी का है, सिर्फ जाटों का आंदोलन नहीं है. हमारे मनोबल तोड़ने की साज़िश हुई. हम सरदारों को नही छोड़ सकते.

आंदोलनकारियों को रिहा करे सरकार- राकेश टिकैत

चरखी दादरी के किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार ने आदोलन को बाँटने की कोशिश कर रही है. हम पूरे देश में जाएगें और लोगों को अपने पक्ष में लाएंगे. सरकार माँगे मान ले. हमें धोखे से लाल किले पर ले जाया गया. जेल में बंद आंदोलनकर्मियों को छोड़ा जाए.

ग्लेशियर टूटने पर टिकैत बोले, ‘हम प्रशासन की करेंगे मदद’

हरियाणा के चरखी दादरी में राकेश टिकैत ने कहा, “उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा है, रिपोर्ट के मुताबिक वहां 50-60 लोग मारे जा चुके हैं. पानी बहुत तबाही मचाते हुए आ रहा है, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में सब जगह अलर्ट कर दिया गया है. हम प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव मदद करेंगे.”

चरखी दादरी में महापंचायत शुरू

हरियाणा के चरखी दादरी में किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है. इसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. राकेश टिकैत भिवानी के कितलाना टोल किसान महापंचायत में पहुंचे.

अमरोहा महापंचायत से पहले जयंत चौधरी का ट्वीट

अमरोहा महापंचायत से पहले आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने लिखा कि बुग्गी से या फिर मोटरसाइकिल से, युवा अब निकल पड़ा है! चलो अमरोहा!

किसानों के समर्थन में दो महापंचायत आज

कृषि कानूनों के खिलाफ आज हरियाणा के चरखी दादरी और यूपी के अमरोहा में किसान महापंचायत होनी है. हरियाणा के चरखी दादरी वाली किसान महापंचायत में राकेश टिकैत पहुंचेंगे. वहीं यूपी के अमरोहा वाली किसान महापंचायत में RLD नेता जयंत चौधरी जाएंगे.

राहुल गांधी बोले – सरकार वापस ले कानून

किसान-मज़दूर के गांधी जयंती तक आंदोलन के निर्णय से उनके दृढ़ संकल्प के साथ ही ये भी साफ़ है कि वे मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद हैं. अहंकार छोड़ो, सत्याग्रही किसानों की तकलीफ़ समझो और कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!

ट्रैक्टर मार्च हिंसा: रूट से ‘भटके’ दो किसान नेताओं को संयुक्त किसान मोर्चा ने किया सस्पेंड

राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च के दौरान जो हिंसा (Red Fort violence) हुई थी उसपर पर किसान संगठनों ने बड़ा कदम उठाया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐसे दो किसान नेताओं को सस्पेंड किया है जिन्होंने ट्रैक्टर मार्च के लिए तय रूट का पालन ना करके उसे डायवर्ट किया. बता दें कि गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच जमकर हिंसा हुई थी. प्रदर्शनकारी किसान लाल किले तक पहुंच गए थे, जहां उन्होंने धार्मिक झंडा तक लहरा दिया था.ट्रिब्यून इंडिया की खबर के मुताबिक 32 किसान यूनियन की जो यह मीटिंग हुई थी उसमें दो किसान नेताओं को सस्पेंड करने का फैसला हुआ. इनके नाम सुरजीत सिंह फूल (अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी) और हरपाल सिंग सांघा (आजाद किसान कमेटी, दोआबा) का नाम शामिल है. दोनों पर यह एक्शन दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद की गई है.

टीकरी बॉर्डर पर भारी पुलिसबल तैनात

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

दोनों तरफ से बंद है गाजीपुर बॉर्डर

दिल्ली और यूपी को जोड़ने वाला गाजीपुर बॉर्डर फिलहाल दोनों तरफ से बंद है. ट्रैफिक पुलिस ने मुर्गा मंडी, गाजीपुर रोड, रोड नंबर 56, विकास मार्ग, आनंद विहार आईपी एक्सटेंशन, एन24 के इस्तेमाल की सलाह दी है.

एक और किसान ने लगाई फांसी

टिकरी बार्डर पर देर रात गांव सिंघवाल (जींद) से आए किसान कर्मबीर ने फांसी लगाई. उनकी उम्र 52 साल बताई जा रही है.

चरखी दादरी में रविवार को किसानों की दूसरी महापंचायत, किसान नेता राकेश टिकैत होंगे शामिल

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत रविवार (Sunday) को दादरी में दूसरी महापंचायत को संबोधित करेंगे. उन्होंने तीन फरवरी को हरियाणा के जींद जिले में पहली महापंचायत को संबोधित किया था. उस दौरान उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी. जिसके बाद राकेश टिकैत ने आज दादरी (Dadri) में दूसरी महापंचायत को संबोधित करने की योजना बनाई है. दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद बुधवार को दादरी और पानीपत में इंटरनेट सेवाएं बहाल (Restore) कर दी गईं थीं.

किसानों के ‘चक्का जाम’ का पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में दिखा असर

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों के तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ के आह्वान पर शनिवार को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई प्रमुख सड़कों को प्रदर्शनकारी किसानों ने अवरूद्ध कर दिया. वहीं, अन्य राज्यों में भी छिटपुट प्रदर्शन हुए. किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को ऐलान किया कि दिल्ली की सीमाओं पर उनका (किसानों का) प्रदर्शन दो अक्टूबर तक जारी रहेगा और आंदोलन के दौरान हर गांव से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी.दिल्ली में करीब 50 प्रदर्शनकारियों को शहीदी पार्क में हिरासत में लिया गया. वहीं, दिल्ली की सीमाओं–सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर–पर प्रदर्शन स्थलों तथा उससे लगे इलाकों में 24 घंटे के लिए शनिवार रात तक इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो के 10 प्रमुख स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास की सुविधाएं भी बंद कर दी गईं.अन्य राज्यों में सड़कों को अवरूद्ध करने को लेकर दर्जनों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कुछ देर के लिए हिरासत में लिया. संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को कहा था कि किसान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य स्थानों पर शनिवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों एवं स्टेट हाईवे को तीन घंटे के लिए बाधित करेंगे.

किसान यूनियन बोलीं – कानून वापसी के कम कुछ भी मंजूर नहीं

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने शनिवार को कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उसे नया प्रस्ताव लेकर आना चाहिए. किसान संगठनों ने कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है.किसान यूनियनों ने हालांकि, स्पष्ट किया कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे. सिंघु बॉर्डर पर मीडिया के साथ बातचीत के दौरान संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है.

सरकार से बातचीत करना चाहता हूं: राकेश टिकैत

चक्का जाम ठीक रहा. हमारा संदेश पहुंचा. जनता को परेशानी भी न आए और हमारी बात भी पहुंच जाए.. हम सरकार से बातचीत करना चाहते हैं. मैं भी 40 लोगों की कमेटी (संयुक्त किसान मोर्चा) में एक सदस्य हूं. जैसे पहले बातचीत होती थी, वैसे ही बातचीत हो: किसान नेता राकेश टिकैत

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