किसानों से जुड़े मसले पर सुनवाई, चीफ जस्टिस ने कहा – चल रही प्रक्रिया से हम नाखुश

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 44वां दिन है.

कांग्रेस बोली-पीएम मोदी देश के सामने आकर कृषि काननू रद्द करने की घोषणा करें

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि आपसे नहीं होता तो हम कृषि कानूनों पर रोक लगा देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सामने आकर कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करनी चाहिए. मोदी सरकार कानूनों में 18 संशोधन करने के लिए तैयार है, साफ़ है कि ये कानून गलत हैं.

MSP पर चौथा कानून लाए सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की मांग

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने MSP पर चौथे कानून की मांग की है. उन्होंने कहा कि मैं तो शुरू से कह रहा हूं कि 3 नए कृषि कानून लेकर आए हैं, तो MSP पर चौथा भी ले आएं. अगर MSP से कम पर कोई भी खरीदेगा तो उसमें सज़ा का प्रावधान कर दीजिए. वही आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. हुड्डा ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों के हित के लिए नहीं हैं.

हरसिमरत कौर बादल का केंद्र सरकार पर निशाना

डेढ़ महीने से किसानों को ठंड में बैठाकर आज सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है इससे स्पष्ट होता है कि 3 कानूनों को वापस लेने का सरकार का इरादा नहीं है, किसानों की जो जान जा रही है उसकी भी उन्हें परवाह नहीं है :पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता हरसिमरत कौर बादल

अभय सिंह चौटाला मे भेजा पत्र, दी इस्तीफे की धमकी

इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा विधानसभा स्पीकर को लिखा – अगर केंद्र 26 जनवरी तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो इस पत्र को उनका इस्तीफा माना जाए.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में बनाई जाएगी कमिटी

किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में बनायी जाएगी. इसपर सभी पक्षकारों से नाम सुझाने को कहा गया है. एसजी ने कहा कि हम कल नाम अदालत को सौंपेंगे. अटॉर्नी जनरल ने फिर कहा कि तीनों कानूनों पर रोक लगाना उचित नहीं होगा. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीजेआई ने कहा कि हम कानून खत्म नहीं कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, किसान यूनियनों ने पूर्व चीफ जस्टिस आर एम लोढ़ा का नाम कमिटी के प्रमुख के रूप में सुझाया है.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में बनाई जाएगी कमिटी

किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में बनायी जाएगी. इसपर सभी पक्षकारों से नाम सुझाने को कहा गया है. एसजी ने कहा कि हम कल नाम अदालत को सौंपेंगे. अटॉर्नी जनरल ने फिर कहा कि तीनों कानूनों पर रोक लगाना उचित नहीं होगा. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीजेआई ने कहा कि हम कानून खत्म नहीं कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, किसान यूनियनों ने पूर्व चीफ जस्टिस आर एम लोढ़ा का नाम कमिटी के प्रमुख के रूप में सुझाया है.

चीफ जस्टिस ने कहा – सरकार समाधान निकालने में विफल रही

चीफ जस्टिस ने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी कह रही है कि कानूनों पर कोर्ट को फैसला नहीं देना चाहिए. देश में ऐसी बातें चल रही हैं. हमें यह कहते हुए बुरा लग रहा है कि आप यानी केंद्र सरकार मुद्दे को सुलझा नहीं पा रही. चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर पहले पर्याप्त परामर्श प्रक्रिया अपनाई गई होती तो ऐसी नौबत नहीं आती.

एक मिनट के लिए रुकी कार्यवाही

तकनीकी खराबी की वजह से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में एक मिनट के लिए रुकी. बता दें कि सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी.

किसान आंदोलन की तारीफ की

यह भी कहा गया है कि अगर किसान आंदोलन जारी रखना चाहते हैं तो शांतिपूर्ण तरीके से जारी रख सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन की तारीफ भी की. कहा कि लंबे आंदोलन में भी कोई हिंसा या हंगामा नहीं हुआ. कोर्ट ने कहा अगर किसान लोगों कि सहूलियत के लिए एक निर्धारित स्थान पर जाना चाहते हैं तो बहुत अच्छा रहेगा. वकील ML शर्मा ने कहा कि किसानों की तरफ से कोई हिंसा नही हो रही है सिर्फ पुलिस ही उनपर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आपका तर्क नहीं समझ आ रहा. कानून के खिलाफ याचिका करने वाले एम एल शर्मा ने 1955 के संविधान संशोधन का मसला उठायाय. CJI ने कहा कि हम फिलहाल इतने पुराने संशोधन पर रोक नहीं लगाने जा रहे हैं.

याचिकाकर्ता के वकील बोले – विवादित हिस्सों पर लगे रोक

याचिकाकर्ता के वकील हरीश सल्वें ने कहा कि सिर्फ कानून के विवादित हिस्सों पर रोक लगाइए. CJI ने कहा कि हम पूरे कानून पर रोक लगाएंगे, इसके बाद भी संगठन चाहें तो आंदोलन जारी रख सकते हैं, लेकिन क्या इसके बाद नागरिकों के लिए रास्ता छोड़ेंगे. CJI ने कहा कि हमें आशंका है कि किसी दिन वहां हिंसा भड़क सकती है. CJI ने कहा कि अगर जाने अनजाने में कुछ भी ग़लत होता है तो इसके लिए सभी ज़िम्मेदार होंगे.

कोर्ट ने कहा – हम होल्ड लगाने के बारे में सोच रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट में CJI ने कहा कि हम सीधा यह सोच रहे हैं कि जबतक कमिटी अपनी रिपोर्ट ना दे तब तक हम कृषि कानूनों को होल्ड पर रख दें. CJI से AG को रोकते हुए कहा कि जब हम आपसे कानून की संवैधानिकता के बारे में पूछा रहे हैं तो आप हमको उसके बारे बताइए, कानून के फायदे के बारे में मत बताइए. CJI ने कहा कि हमनें यही सुना है की असली समस्या कानून है. CJI ने SG को टोकते हुए कहा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आप समस्या का हिस्सा है या समाधान का?

कोर्ट ने सरकार से पूछा – कानूनों पर कुछ वक्त के लिए रोक क्यों नहीं लगाते

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि यह बहुत ही नाजुक स्थिति है, आपको कितना समय दिया जाए. हम चाहते हैं कि इस मामले में समुचित हल निकले. लेकिन आप बार बार नेगोशिएसन के लिए समय मांग रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि हमने आपको पिछली सुनवाई में कहा था कि एक समिति का गठन कर दें. CJI ने फटकार लगाते हुए कहा आप कह रहे हैं कि कोर्ट को इसमें जाना चाहिए इसमें नही जाना चहिए. हम आपसे आखरी बार पूछ रहे कि आप अपने कानून को कुछ समय के लिए रोक क्यों नहीं सकते.

सरकार कुछ नहीं करेगी तो कानूनों पर रोक लगा देंगे- चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार कुछ नहीं करेगी तो कानूनों पर रोक लगा देंगे. कहा कि जरूरत पड़ी तो कोर्ट खुद इन कानूनों पर रोक लगा देगी. यह भी कहा गया है कि अगर किसान आंदोलन जारी रखना चाहते हैं तो शांतिपूर्ण तरीके से जारी रख सकते हैं.

किसानों को भड़काया जा रहा – अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि किसानों को भड़काया जा रहा है. बहुत सारे किसान इन कृषि क़ानूनों के पक्ष में हैं. हमारा किसान नेताओं से कहना है कि 15 तारीख को कृषि मंत्री के साथ जो मुलाकात होने वाली है उसमें किसी कॉम्प्रोमाइजेशन फॉर्मूले पर विचार करने की आवश्यकता है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, चीफ जस्टिस ने जताई नाराजगी

किसानों से जुड़े मसलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि बातचीत चल रही है। अदालत अभी समय दे। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इससे बड़े व्यथित हैं कि आप कोई हल नहीं निकाल पा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद विपक्षी नेताओं की बैठक

किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद शरद पवार के आवास पर विपक्षी पार्टियों की बैठक है. इसमें सीताराम येचुरी और डी राजा शामिल होंगे.

कल टीकरी बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान

टिकरी बॉर्डर से किसान नेता ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, हरियाणा में सरकार नाम की चीज नहीं बची है। हमारी मांग केंद्र सरकार से है इसमें हरियाणा की सरकार बीच में दखल दे रही है जिसकी हम निंदा करते हैं जबकि सरकार को किसानों का साथ देना चाहिए. कल हम सिरसा कालावाणी में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, 13 जनवरी को पूरे देश में 3 काले कानूनों के प्रतियां जलाएंगे, 15 जनवरी को सिरसा टोल प्लाजा से एक काफिला दिल्ली के लिए रवाना होगा और 26 जनवरी के लिए हम पूरे देश में रिहर्सल कर रहे हैं. किसान नेता की बड़ी बातें –

13 जनवरी को किसान संकल्प दिवस के रुप में मनाया जाएगा।

18 जनवरी को किसान महिला दिवस के रूप में मनाया जाएगा

26 जनवरी के लिए तैयारी और ज्यादा तेज करेंगे

हमारी कमेटी जोगीराम सिहाग, गौतम व अन्य विधायकों से मिलकर इस्तीफे की मांग करेंगे

कल के कार्यक्रम की हम निंदा करते हैं, हमारे किसान भाईयों पर जो केस लगाएं है वो झूठें है

हर घर तक कमेटी बनाकर 26 जनवरी के लिए आंदोलन में आने की अपील करेंगे

13 जनवरी को लोहड़ी के पर्व पर 3 तीनों काले कानूनों की प्रतियां जलाई जाएगी

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र की जयंती पर किसान दिल्ली के लिए चलेंगे

हर गांव से 5 टैक्टर निकलेंगे जिसमें एक टैक्टर महिलाओं का होगा

जल्द ही एक ऐप लांच की जाएगी जिसमें आंदोलन की कवरेज लाइव रहेगी और आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जाएंगी

बीजेपी को नहीं करने देंगे आंदोलन को कमजोर करने वाली रैलियां – किसान नेताह

रियाणा में कल सीएम मनोहर लाल खट्टर की रैली हंगामे के बाद नहीं हो पाई. इसपर भारतीय किसान यूनियन के मुखिया गुरनाम सिंह चंदौनी ने कहा कि हां हमने खट्टर साब को करनाल में रैली नहीं करने दी. बीजेपी ने कहा है कि वह 700 रैलियां करेगी. ऐसा आंदोलन को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. हम बीजेपी की ऐसी रैलियों का विरोध करेंगे.

अलवर: किसानों आंदोलन के खिलाफ 35 गांव एकजुट

राजस्थान के अलवर में एकमात्र क्षेत्र में चल रहे किसान आंदोलन के खिलाफ 35 गांवो के लोग एकजुट हुए. महापंचायत कर किसान नेताओं से जल्द हाईवे खाली करने को कहा गया है. प्रदेश के अलवर जिले की शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का अब स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. नेशनल हाइवे-48 के स्थानीय लोगों का कहना है कि आंदोलन की वजह से उनका रोजगार और अन्य कारोबार प्रभावित हो रहे है. हाईवे बन्द होने से स्थानीय लोगों सहित दुकानदारों मे बढ़ने आक्रोश फूटने लगा है. मिली जानकारी के अनुसार अलवर जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों की ओर से नेशनल हाईवे 48 को जाम किए जाने के विरोध में रविवार को हरियाणा और राजस्थान के 35 गांवों के ग्रामीणों की महापंचायत शुरू हो गई है.

किसानों के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

कृषि कानूनों और किसानों के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होनी है. जहां किसान संगठनों और सरकार का बीच हुई बातचीतों में अबतक कोई समाधान नहीं निकला है, ऐसे में इस सुनवाई पर सबकी नजर है. जिन याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, उसमें से कुछ कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली हैं. वहीं कुछ ने 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर जो प्रदर्शन जारी है उसको खत्म करवाने के लिए याचिका दायर की है.

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