केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून और इसके खिलाफ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पिछले तीन दिनों से संसद के दोनों सदनों में हंगामा बरपा हुआ है. गुरुवार को संसद में चर्चा के दौरान कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार से तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने और इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाने की अपील की. गुरुवार को सदस्यों के बढ़ते हंगामे के बाद लोकसभा शुक्रवार शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित की गई. लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे शुरू होगी. आज भी दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं.
‘बीजेपी खून से खेती कभी नहीं कर सकती’
केंद्र सरकार के कृषि कानून और किसान आंदोलन पर राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष समेत सरकार विरोधियों ने माहौल बनाया हुआ कि सरकार काला कृषि कानून लेकर आई है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों के साथ अब तक हुई 12 मीटिंग में यही पूछता रहा कि सरकार के कानून में काला क्या है, मुझे आज तक कोई नहीं पाया. कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार किसी भी तरह के संसोधन को तैयार है, इसका मतलब ये नहीं है कि किसान कानून में गलती है. लेकिन किसान आंदोलन में गलती है, पूरा एक राज्य गलत फहमी का शिकार है. किसानो को इस बात के लिए बरगलाया जा रहा है कि ये कानून आपकी जमीन को ले जायेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि खून से सिर्फ कांग्रेस खेती कर सकती है भाजपा ऐसा कभी नहीं कर सकती.
‘किसान के जीवन में बदलाव लाना सरकार की प्रमुखता’
राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार कोई भी हो लेकिन गांव में रहने वाले गरीब किसान मजदूर के जीवन में बदलाव आए ये हमारी प्रमुखता होनी चाहिए.
‘मोदी सरकार ने मनरेगा को परिमार्जित करने का काम किया’
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि माना कि आपने मनरेगा शुरू की, लेकिन आपके समय में इसमें गड्ढे ही खोदे जाते थे. हमने इसे परिमार्जित करने का काम किया.
सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए प्रतिबद्ध: कृषि मंत्री
राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी.
राज्यों का विकास ज्यादा महत्वपूर्ण
कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि गांव का विकास करना है तो पैसा गांव को जाना चाहिए. केंद्र से अधिक राज्य अपने गांवों का विकास ज्यादा अच्छे से कर सकता है, राज्यों का विकास ज्यादा महत्वपूर्ण है.
पहले जिला अस्पतालों में बेड की व्यवस्था तक नहीं थी
कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना ने हमारे कई साथी कई डॉक्टर देश के कई लोगों को हमसे छीन लिया, जिला अस्पतालों तक में बेड की व्यवस्था नहीं होती थी. अब उससे नीचे के अस्पतालों तक बेड ऑक्सीजन की व्यवस्था पहुंच गई है.
राज्यसभा में कृषि मंत्री का संबोधन जारी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम सब इस बात को जानते हैं की 2020 कठिनायों से भरा रहा है, कोविड 19 का संकट आया, रोज़गार प्रभावित हुआ, लेकिन मुझे इस बात को कहते हुए प्रसन्ता है की हमारे देश का लोकतंत्र और देश के नागरिक दोनों इस देश की बड़ी ताकत हैं.
जो कानून तुम्हारे अधिकारों की रक्षा ना करें, उसकी अवहेलना करना तुम्हारा कर्तव्य
किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने महात्मा गांधी को कोट करते हुए सरकार पर निशाना साधा. खड़गे ने सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि ‘जो कानून तुम्हारे अधिकारों की रक्षा ना कर सके, उसकी अवहेलना करना तुम्हारा परम कर्तव्य होता है.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार कांग्रेस का नाम लेकर कब तक जिएंगे.
‘कोरोना में लोग तबाह हो गए लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में जिक्र तक नहीं’
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने और न्याय पाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जो स्थिति पैदा हुई है, उसके लिए भारत सरकार जिम्मेदार है। मैं विरोध के दौरान मारे गए 194 किसानों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि कोरोना,लॉकडॉउन में सैकड़ों लोग मारे गए लोग परेशान हो गए, तहस-नहस हो गए लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में उसका कोई जिक्र नहीं ये निंदनीय है.
‘सिख बंदूक, तोप से आपकी बात नहीं मान सकते’
कांग्रेस सांसद प्रताव सिंह बाजवा ने किसानों को खालिस्तानी कहे जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आप हमें राष्ट्रवाद ना सिखाएं. हमारे पंजाब में हर महीने एक बच्चा तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचता है. बाजवा ने कहा कि पंजाबी खासतौर पर सिख आपकी बात प्यार से तो मान सकते हैं लेकिन बंदूक,तोप से कभी नहीं मान सकते हैं. किसानों के मसले पर उन्होंने कहा कि मैंने शुरु में ही कहा था कि ये कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है.
’इतनी कीलें तो भारत पाक सरहद पर भी नहीं हैं’
राज्यसभा में सतीश चंद्र मिश्रा ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि आप किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए आपने खाई खोद दी है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ये खाई आपने अपने लिए खोदी है. दिल्ली की सरहदों पर आपने जैसे कीलें लगा दी है ऐसी कीलें तो पाकिस्तान की सरहद पर भी इतनी कीलें नहीं हैं. आपने किसानों से कहा कि 1800 महीनों के लिए हम रोक लगा देते हैं शायद आप तीन साल की रोक लगाने के लिए कह देते तो ये आपकी बात मान लेते. इन कानूनों से किसान को भय लगता है, ये भय लगना जायज है. जिस तरह से आप सरकारी चीजों को बेच रहे हैं उससे भय लगना जायज है. आपकी नीयत साफ नहीं है इसलिए आप कानून में एमएसपी नहीं डाल रहे हैं.
संजय राउत ने पूछा, दीप सिद्धू कहां है?
संजय राउत ने कहा कि लाल किला पर जो हुआ उससे सब दुखी हैं प्रधानमंत्री भी दुखी हैं लेकिन दीप सिद्धू जो वहां पर मौजूद था उसके बारे में क्यों बात नहीं होती, वो किसका आदमी है. संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन दीप सिद्धू अभी तक गायब है.
संजय राउत ने सरकार को घेरा, ‘हम तो 6 साल से झूठ को सच मान रहे हैं’
राज्यसभा में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कृषि कानून और किसान आंदोलन के मसले पर सरकार पर जमकर हमला बोला. संजय राउत ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान कल कह रहे थे कि सच सुनो और सच बोलो हम तो 6 साल से जो सुन रहे हैं उनको सच मान रहे हैं हम तो झूट को भी सच मान रहे हैं.देश में जो माहौल है उसके हिसाब से जो आपकी बात नहीं मानते उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चला देते हैं.वरिष्ट पत्रकार पर आपने देशद्रोह का मुकदमा चला दिया.शशी थरूर देश के सांसद हैं उनके खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया.
बीजेपी ने राज्यसभा में व्हिप जारी किया
बीजेपी ने अपने राज्यसभा सांसदों को सरकार के स्टैंड का समर्थन करने के लिए 8 फरवरी से 12 फरवरी तक सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू
राज्य सभापति वेंकैया नायडू सदन में पहुंचे. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई.
लोकसभा अध्यक्ष को 10 विपक्षी दलों के सांसदों ने लिखा पत्र
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 10 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने गुरुवार को पत्र लिखकर कहा कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर हालात भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे हैं और किसानों की स्थिति जेल के कैदियों जैसी है. लोकसभा की कार्यवाही के दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद सुले और रॉय समेत विपक्षी सांसद बिरला से मिले और उन्हें एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया है कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की इजाजत नहीं दी.
संसद में कृषि कानून और किसान आंदोलन पर घिरी सरकार
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून और इसके खिलाफ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पिछले तीन दिनों से संसद के दोनों सदनों में हंगामा बरपा हुआ है. गुरुवार को संसद में चर्चा के दौरान कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार से तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने और इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाना की अपील की. गुरुवार को सदस्यों के बढ़ते हंगामे के बाद लोकसभा शुक्रवार शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित की गई. आज भी दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं.