LJP के प्रिंस राज आज सबके सामने आएंगे

लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा (LJP) के समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज रविवार को दिल्ली से पटना पहुंच रहे हैं। पार्टी में बगावत के बाद यह पहला मौका है जब प्रिंस राज जनता के सामने आ रहे हैं। वे पटना में पारस गुट वाली लोजपा और दलित सेना की बैठक लेंगे। शाम 4 बजे मीडिया के सामने आएंगे। प्रिंस राज अपने चचेरे भाई चिराग को छोड़कर चाचा पशुपति पारस के साथ हैं। वे पारस गुट वाली LJP के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

लोजपा में पूरे विवाद के दौरान प्रिंस राज सामने नहीं आए। न ही उन्होंने कोई बयान दिया। हालांकि, वह चाचा पारस के साथ डटे रहे हैं। पार्टी में हो रही उथलपुथल के बीच ही प्रिंस का दिल्ली में एक युवती के साथ विवाद का भी मामला सामने आया था। इस मामले से जुड़े सवाल का जवाब देने भी वो सामने नहीं आए थे।

प्रिंस राज उस वक्त भी गायब थे, जब पटना में पूर्व बाहुबली सांसद सूरजभान सिंह के घर पर पारस गुट वाली LJP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग हुई थी और पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। प्रिंस जनता के सामने क्यों नहीं आए? इसका कारण बहुत स्पष्ट नहीं है।

हालांकि, सियासी गलियारे में चर्चा रही है कि वह चचेरे भाई चिराग का खुला विद्रोह या उनके खिलाफ बयानबाजी करने से बचना चाहते थे। वहीं, कुछ लोग लड़की के साथ हुए विवाद को भी कारण मानते हैं। रविवार को पटना पहुंचने के बाद प्रिंस राज पार्टी कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों और सभी प्रकोष्ठों के नेताओं के साथ-साथ दलित सेना के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे।

पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद के बीच पारस गुट वाली LJP की प्रदेश कार्यसमिति की यह पहली मीटिंग है। पार्टी कार्यालय में होने वाली इस मीटिंग में प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों और सभी प्रकोष्ठों के नेता शामिल होंगे। इसके अलावा, दलित सेना के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे।

रविवार को होने वाली सभी बैठकें प्रिंस राज ही लेंगे। लेकिन, इसका रिमोट कंट्रोल दिल्ली में बैठे केंद्रीय मंत्री व चाचा पशुपति कुमार पारस के पास ही होगा। सूत्र बताते हैं कि मीटिंग का एजेंडा पहले से ही पशुपति पारस और उनके खास लोगों ने मिलकर सेट कर रखा है। अंदर ही अंदर इनकी पूरी प्लानिंग चिराग पासवान को टक्कर देने की चल रही है।

आशीर्वाद यात्रा के दौरान चिराग को मिल रहा जनसमर्थन से भी बड़ा जनसमर्थन पशुपति कुमार पारस के साथ है, यह कैसे साबित किया जाए? इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है। क्योंकि, संसद सत्र के खत्म होते ही पशुपति कुमार पारस भी बिहार आएंगे। इनकी प्लानिंग भी राज्य के तमाम जिलों में घूमने की है। यह साबित करने की कोशिश है कि पासवान व दलित वोटर्स उनके साथ हैं।

इसलिए पारस गुट जिला, अनुमंडल, ब्लॉक से लेकर पंचायत स्तर तक अपनी पहुंच बनाने में जुटा है। हालांकि, इनके प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल का कहना है कि पूरी कवायद पार्टी को पंचायत स्तर पर मजबूत करने की है।

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