लखनऊ जेल में निरुद्ध पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को बुधवार को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में उनका बयान दर्ज किया। उन्होंने आरोपों से इंकार करते हुए इसे सरकार की साजिश बताया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के सफाई साक्ष्य के लिए सात जनवरी की तिथि नियत की है। अदालती कार्रवाई पूरी होने के बाद पुलिस गायत्री प्रजापति को लेकर वापस लखनऊ के लिए लौट गई। मामला अमेठी जिले से जुड़ा है।
28 जनवरी 2012 को नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने अमेठी के अंबेडकर चौराहे के पास समर्थकों के साथ साइकिल जुलूस निकालकर आचार संहिता का उल्लंघन किया था। पुलिस ने अमेठी कोतवाली में उनके खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष का साक्ष्य समाप्त होने के बाद कोर्ट ने गायत्री प्रजापति का बयान दर्ज करने के लिए चार जनवरी के लिए लखनऊ जेल से तलब किया था।
बुधवार को दोपहर करीब 11.30 बजे पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गायत्री प्रजापति को स्पेशल मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए योगेश कुमार यादव की कोर्ट में पेश किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने बताया कि अदालत ने पूर्व मंत्री का बयान (सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज होने वाला बयान) दर्ज किया है। उन्होंने आरोपों से इंकार करते हुए इसे सरकार की साजिश बताया। कोर्ट ने गायत्री प्रजापति के सफाई साक्ष्य के लिए सात जनवरी की तिथि नियत कर दी है। अदालती कार्रवाई पूरी होने के बाद पुलिस गायत्री प्रजापति को लेकर लखनऊ के लिए वापस लौट गई।
पहली बार कोर्ट आए गायत्री प्रजापति से मिलने पहुंचे समर्थक
दुष्कर्म के मामले में लखनऊ जेल में निरुद्घ पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति बुधवार को पहली बार अदालत लाए गए। इसकी जानकारी पाकर उनके परिजन व समर्थक मिलने के लिए दीवानी न्यायालय पहुंच गए। लोगों से मुलाकात कर गायत्री प्रजापति ने उनका हाल-चाल पूछा।