मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव के लिए बुधवार को कांग्रेस ने अपना वचन पत्र जारी किया है। वचन पत्र पर कमलनाथ की बड़ी फोटो है। उनके अलावा वचन पत्र पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीरें हैं लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की फोटो नहीं हैं।
वचन पत्र के मुख्य पेज पर राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह की तस्वीर ना होने को लेकर भाजपा की ओर से तो तंज कसा ही गया है, कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में हमने राहुल गांधी के नाम पर और दिग्विजय सिंह के काम पर ही जीत दर्ज की थी, इसलिए इन लोगों की तस्वीर वचन पत्र पर होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इससे उपचुनाव कांग्रेस का ही नुकसान होगा इसलिए मैंने पार्टी के भीतर भी इस मसले को उठाया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने दलील देते हुए कहा कि ये केवल मिनी वचन पत्र है। मुख्य वचन पत्र में सभी वरिष्ठ नेताओं की तस्वीर होगी।
भारतीय जनता पार्टी नेता, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह दोनों ही नेता उपचुनाव के परिदृश्य से बाहर हैं। ऐसा कांग्रेस ने बहुत सोच समझकर और चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचने की वजह से रणनीतिक तौर पर किया है। भार्गव ने कहा कि कांग्रेस को अच्छी तरह मालूम है कि राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह के फ्रंट पर आने से पार्टी को नुकसान होता है और पार्टी के वोट कट जाते हैं।
राज्य में विधान सभा की 28 सीटों के लिए 3 नवंबर को चुनाव होंगे। इन 28 सीटों में से 22 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के हैं, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ते हुए बीजेपी का दामन थामा था। इसी वजह से एमपी में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी।