दिल्ली चिड़ियाघर में जानवरों की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले कुछ सालों में चिड़ियाघर में बड़ी संख्या में जानवरों की मौत दर्दनाक आघात या सदमे से हुई है। एक आरटीआई में इसका खुलासा हुआ है। आरटीआई के अनुसार 2019 से 2020 तक कुल 37 जानवरों की मौत हुई थी। वहीं 2018 से 2019 तक कुल 78 जानवरों ने दम तोड़ दिया। 2017 से 2018 तक कुल 29 जानवरों की सांसें थम गईं।
एनिमल एक्टिविस्ट गौरी मौलेखी ने 25 सितंबर को एक आरटीआई दाखिल किया था। जिसमें यह भी कहा गया था कि 2017 से टीबी से होने वाली मौतों के कई मामलों को मृत्यु सूची में देखा गया था। जो चिड़ियाघर में आयोजित टीकाकरण अभियान में चूक की संभावना को भी दर्शाता है। गौरी मौलेखी ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। जिससे चिड़ियाघर में पर्दे के पीछे की समस्याओं को दूर किया जा सके।
आरटीआई के जवाब में बताया गया था कि उक्त समय सीमा में अधिकतम पशुओं की मौत दर्दनाक आघात या सदमे के कारण हुई थी। कई जानवरों की मौत सदमे से हुई थी और बहुत कम जानवरों की मौत ओल्ड एज की वजह से हुई थी। पत्र में भी यह भी बताया गया कि नेशनल जूलॉजिकल पार्क की ओर से जानवरों को प्रदान किए जा रहे प्रबंधन और उपचार पर कई सवाल उठाते हैं।