झारखण्ड कैबिनेट की बैठक में लिए गए अनेक फैसले, भूमिहीनों को मिलेगी जमीन

झारखंड सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उपलब्ध कराने के लिए उन्हें जमीन देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को इस संबंध में अनुशंसा भेजी गई थी। इस प्रस्ताव के तहत सरकार स्थानीय निवासियों को तीन डिसमिल तक जमीन उपलब्ध कराएगी। 

बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई थी। इसके बाद प्रस्ताव को निर्वाचन आयोग की सहमति के लिए भेज दिया गया है। बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि प्रदेश में 25,414 दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। अलग-अलग स्थानों पर काम कर रहे शिक्षक पति-पत्नी को अब एक ही जिले में नियुक्ति दी जाएगी।

इसके साथ ही कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। कर्मियों को पूर्व में मिलने वाले 31 फीसदी महंगाई भत्ते को बढ़ाकर अब 34 फीसदी कर दिया गया है। प्रवासी मजदूरों की मृत्यु होने पर उनके शव को पैतृक स्थान तक लाने और आर्थिक मदद के लिए 10 लाख रुपये के प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष के गठन को भी अनुमति दी गई है।

कैबिनेट बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दोपहर के भोजन में फोर्टिफाइड चावल दिया जाएगा। धुनिया केवर्त को अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को अनुमति दे दी गई है। वहीं, राज्य में गुप्त सेवा निधि के खर्च के लिए महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक को नियंत्री पदाधिकारी बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गई।

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