उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के लिए रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भरे नजर आए। भीड़ के आगे प्रशासन के सारे इंतजाम धरे रह गए। बच्चे,, बुजुर्ग, महिलाएं ठाकुर श्रीबांके बिहारीजी की झलक पाने के लिए भीड़ के साथ आगे बढ़े जा रहे थे।
मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर जनसैलाब हिलोरें मार रहा था। भीड़ में फंसे बच्चों और महिलाओं का बुरा हाल था। बच्चे बिलबिला गए और महिलाएं चीख उठीं, लेकिन चाहकर भी भीड़ से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझा। जैसे तैसे मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से विद्यापीठ चौराहे तक सिर्फ सिर ही सिर नजर आ रहे थे। यहां एक किलोमीटर से अधिक लंबी लाइन लग गई।
सारे रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए
ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में प्रवेश के लिए बनाए गए गेट संख्या दो और तीन से प्रवेश के लिए श्रद्धालु जूझते नजर आए। पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने का हर संभव प्रयास करते दिखे पर भीड़ थी कि कम होने का नाम नहीं ले रही थी। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए।
रविवार को भीड़ के कारण मंदिर क्षेत्र का बाजार भी प्रभावित दिखाई दिया। विद्यापीठ चौराहे से मंदिर जाने वाले रास्ते पर अधिकांश दुकानें बंद रहीं। कारण दुकानदार भीड़ के आगे बेबस नजर आए। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करते नहीं नजर आए। इधर, वृंदावन में दिनभर जाम के हालात भी बने रहे।
आराध्य के दर्शन से वंचित रह गए
भीड़ के कारण सैकड़ों भक्त आराध्य के दर्शन से वंचित रह गए। भीड़ में जैसे-तैसे मंदिर तक पहुंचे, लेकिन भीड़ के एक झोंके ने उन्हें बाहर निकाल दिया। ऐसे भी भक्त थे जो मंदिर तक पहुंचे, लेकिन 12 बजे राजभोग आरती के बाद दर्शन बंद हो गए। पंजाब निवासी अंजली और कृष्णा ने बताया कि वह परिवार के साथ ठाकुरजी के दर्शन के लिए आईं थीं। भीड़ के कारण सुबह से उनकी हिम्मत नहीं हुई। 11 बजे जैसे लाइन में लग गईं। जब तक मंदिर के गेट तक पहुंची पट बंद हो गए।