मेरठ :ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 50 के पार

ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना मरीजों के इलाज में हांफ गया है वहीं बेहद घातक बीमारी ब्लैक फंगस ने भी घेर लिया है। मरीजों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है।

मेरठ  ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना मरीजों के इलाज में हांफ गया है, वहीं बेहद घातक बीमारी ब्लैक फंगस ने भी घेर लिया है। जिले में मरीजों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। मंगलवार को भी एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत हो गई। वहीं, आनंद अस्पताल में अब तक सात मरीजों का आपरेशन किया गया है। ज्यादातर मरीजों की उम्र 30 से 45 साल के बीच है।

मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि पोस्ट कोविड मरीजों में यह बीमारी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। ईएनटी क्लीनिकों से बड़ी संख्या में मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं। मेडिकल कालेज में दो दिन के अंदर 19 नए मरीज आ गए हैं। यहां अब तक कुल 27 मरीज भर्ती किए गए, जिसमें से आठ रेफर कर दिए गए। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए बड़ी मात्र में एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन मंगाया है। मरीजों के इलाज में कमी नहीं होगी।

ब्लैक फंगस की दवाओं की आपूर्ति हाथों में ले प्रशासन

ब्लैक फंगस के इंजेक्शन को लेकर तीमारदार परेशान हैं। जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम मित्तल ने जिलाधिकारी से लिपोसोमल अंफोटेरिसिन बी- 50 इंजेक्शन की बिक्री अपने नियंत्रण में लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का पर्चा लेकर तीमारदार इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं। वहीं, जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के दूसरे गुट के महामंत्री रजनीश कौशल ने कहा कि दवा कंपनियों ने इस माह के अंत में ब्लैक फंगस की दवाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते जिन व्यापारियों का निधन हो गया है, उन्हें प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये का मुआवजा दे। 

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