देश में समान नागरिक संहिता ( कॉमन सिविल कोड ) को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुसलमान कुरान और शरीयत पर अमल करता है और करता रहेगा। बृहस्पतिवार को दिल्ली रोड स्थित शाही ईदगाह में बकरीद की नमाज के बाद तकरीर करते हुए शहरकाजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने समान नागरिक संहिता को सिरे से खारिज करते हुए ये बात कही।
उन्होंने कहा हमारे देश में हर मजहब और हर जाति के लोग रहते हैं। ऐसे में देश में समान नागरिक संहिता जबरदस्ती लागू करना एकदम गलत है। इसका उलमा और मुसलमान खुलकर विरोध करते हैं। कहा कि अंग्रेजी देशों से लेकर इस्लामिक देशों में कहीं ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है, जैसा माहौल हमारे देश में बनाया जा रहा है।
समान नागरिक संहिता लागू हुआ तो हमारे धार्मिक कामों में दखल बढ़ जाएगा। हम अपने बच्चों के निकाह तक ठीक से नहीं कर पाएंगे। उन्होंने सड़क पर नमाज न होने के निर्देश पर कहा विदेशों में सभी मजहब के कार्यक्रम सड़कों पर होते हैं, किसी को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन हमारे देश में अब नमाज पर पाबंदी लगाने की तैयारी चल रही है।
ईदगाह के चारो ओर इतनी फोर्स लगा रखी है, जिससे नमाजियों में खौफ पैदा हो और वो नमाज पढ़ने ना आएं। ये बिलकुल गलत है, हमे आजादी के साथ नमाज पढ़ने का अधिकार है। इसलिए किसी से डरकर नहीं, बल्कि गलत बात का खुलकर विरोध करना भी हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। मुख्य गेट बंद करने पर नाराज हुए उलमा
सड़क पर नमाज अदा न होने को लेकर इस बार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से सख्ती देखने को मिली। भीड़ ज्यादा ना हो जाए जिसके लिए जिला प्रशासन ने शाही ईदगाह के मुख्यगेट पर बैरिकेटिंग लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया। जिससे ईदगाह में लोगों को आने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
लोगों ने शिकायत की तो कारी शफीकुर्रहमान कासमी और शहरकाजी प्रोफेसर जैनुस साहिद्दीन सिद्दीकी ने माइक से इसका विरोध किया। माइक से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को मुख्य गेट खोलने को कहा, जिसके बाद गेट खोला गया।
रहमत की बारिश के बीच जज्बे के साथ अदा की बकरीद की नमाज
शाही ईदगाह कमेटी द्वारा सुबह 7 बजे बकरीद की नमाज का समय रखा गया था। लेकिन बृहस्पतिवार को मौसम ने करवट ली तो बकरीद पर नमाज पढ़ने वालों की बांछे खिल उठी। रहमत की बारिश के बीच लोगों ने जज्बे के साथ बकरीद की नमाज अदा की।
भारी बारिश के बीच करीब एक घंटे तक हजारों नमाजी बारिश में भीगते रहे। लोगों के जज्बे को देखते हुए शहरकाजी ने लोगों के इस जज्बे के लिए मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा बकरीद भी इसी जज्बे का नाम है। नमाज के बाद लोगों ने कुर्बानी की रस्म अदा की।