मेगा टेक्सटाइल पार्क परियोजना स्वीकृत, लाखों को मिलेगा रोजगार

भारत कपड़ा उद्योग में दुनिया का छठा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. इसे बढ़ाने और नए रोजगार के अवसर बनाने के लिए मेगा टेक्सटाइल पार्क (What is Textile Mega Park) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सूत्रों का कहना है कि टेक्सटाइल मेगा पार्क पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च हो सकते है. बीते कुछ महीनों में सरकार ने टेक्सटाइल को लेकर तीसरा बड़ा फैसला लिया है. इस खबर के बाद टेक्सटाइल कारोबार से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में बड़ा उछाल आया है.

क्या है मेगा टेक्सटाइल पार्क?

भारत कपड़ा उद्योग में दुनिया का छठा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. टेक्सटाइल पार्क के जरिये इस सेक्टर में एक्सपोर्ट को सुधारने की तैयारी है. इसीलिए सरकार एकीकृत टेक्सटाइल पार्क बना रही है. अगर आसान शब्दों में कहें तो इसके तहत एक ही जगह पर कई सारी फैक्ट्री यूनिट को स्थापित किया जाता है. कपड़ा उद्योग से जुड़ी सभी बुनियादी चीजों की सुविधाएं जैसे उत्पादन, मार्केट लिंकेज उपलब्ध होती हैं. सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों को देखते हुए विकसित करती है.

सरकार क्यों बना रही है टेक्सटाइल मेगा पार्क

टेक्सटाइल पार्क का उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में बड़े निवेश लाना होता है. इन पार्कों में कपड़ा इंडस्ट्री के लिए एकीकृत सुविधाएं होती है. इसके साथ ही परिवहन में होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने की व्यवस्था रहती है. इनमें आधुनिक बुनियादी संरचनाएं, साझा सुविधाओं के अलावा रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब भी होते हैं.

धागे से कपड़ा तैयार करने, कपड़ों की रंगाई, सिलाई वगैरह से लेकर इनकी पैकिंग और ट्रांसपोर्टिंग तक के लिए बड़े पैमाने पर लोगों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में टेक्सटाइल पार्क रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा करता है.

इसमें मजदूरों की भी जरूरत होती है, डिजाइनरों की भी जरूरत होती है, अकाउंटिंग और मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की भी जरूरत होती है और रिसर्चरों की भी जरूरत होती है. यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो अनपढ़ से लेकर उच्च शिक्षित लोगों तक को रोजगार मिलने की संभावना होती है.

फैसले के बाद क्या होगा?

अब 1000 एकड़ में पार्क बनेंगे. इसमें निवेश के लिए सरकार इनसेंटिव देगी. इस इन्सेंटिव को दो किस्त में जारी किया जाएगा.

पहला 60 प्रतिशत और दूसरा 100 प्रतिशत काम हो जाने पर दिया जाएगा. इन्वेस्टर्स को इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के साथ ही उसको मेंटेन भी करना होगा.

यह पार्क 25-30 साल के लिए दिया जा सकता है और इसके लिए वो वहां स्थापित कंपनियों से फीस भी ले सकते हैं. पहले फेज में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना है.

जिसके लिए पोर्ट से नजदीकी और कच्चे माल की उपलब्धता और ट्रांसपोर्ट प्रमुख होंगे. सरकार इन पार्क पर 4000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है.

टेक्सटाइल को लेकर हुए तीन बड़े फैसले

केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल को लेकर बीते कुछ महीनों में 2 बड़े फैसले लिए है. पहला पीएलआई को लेकर हुआ है. कपड़ा मंत्रालय (Textile Ministry) की अधिसूचना के मुताबिक, केवल भारत में रजिस्टर्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां ही टेक्सटाइल सेक्टर के लिए हाल ही में स्वीकृत 10,683 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) स्कीम के तहत भाग लेने के लिए पात्र होंगी.

योजना को अधिसूचित करते हुए, मंत्रालय ने यह भी कहा कि भाग लेने वाली कंपनियों को प्रसंस्करण और संचालन गतिविधियां अपने कारखाने के परिसर में करनी होंगी. इसमें कहा गया है कि प्रोत्साहन हासिल करने के लिए दावों पर ध्यान देते समय ट्रेडिंग और ऑउटसोर्स के जरिए कराए गए काम से जुड़े कारोबार का संज्ञान नहीं लिया जाएगा.

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