प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को भारतीय सेना के जवानों के साथ दिवाली का त्योहार मनाने के लिए जम्मू कश्मीर के नौशेरा पहुंचे हैं. वह साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल इसी तरह दिवाली मनाते हैं. यही परंपरा उन्होंने इस साल भी जारी रखी (PM Modi With Army). जब प्रधानमंत्री का काफिला उनके आधिकारिक आवास से बाहर निकला, तो किसी वीवीआईपी रास्ते का इस्तेमाल नहीं हुआ. कम सुरक्षा के बीच पीएम मोदी का काफिला दिल्ली से रवाना हुआ. इस दौरान ना तो ट्रैफिक में कोई रुकावट आई और ना ही आम नागरिकों को किसी तरह दिक्कत पहुंची.
प्रधानमंत्री के काफिले का वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया है. जिसमें देखा जा सकता है कि बिना ट्रैफिक रोके, गाड़ियां सीधे एक लेन से जा रही हैं. लाल बत्ती होने पर प्रधानमंत्री की गाड़ी भी रुकी (PM Modi Cavalcade Video). आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. जब भी प्रधानमंत्री का काफिला निकलता है, तो सड़कें खाली कराई जाती हैं. इसके साथ ही लोगों को सड़क किनारे खड़े होने की अनुमति नहीं होती. यही वजह है कि लोग पीएम मोदी की खूब तारीफ कर रहे हैं.
इसपर क्या बोल रहे लोग?
लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने वीवीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया है. वह खुद भी इस कल्चर को नहीं मानते हैं. पीएम मोदी हमेशा इस बात का खास ख्याल रखते रहे हैं कि उनके दौरे और काफिले की आवाजाही से आम लोगों को सड़क पर किसी तरह की परेशानी ना हो. अप्रैल में भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के प्रचार के दौरान, उनके काफिले ने बारासात में दो एम्बुलेंस को जाने के लिए रास्ता दिया था. एंबुलेंस को उसी रास्ते से जाने दिया गया, जहां से प्रधानमंत्री का काफिला गुजर रहा था.
2018 में ऐसे ही गुजरा था काफिला
इससे पहले साल 2018 में पीएम मोदी के काफिले को बिना किसी विशेष सुरक्षा प्रतिबंध के सामान्य वाहनों की तरह गुजरते हुए देखा गया था, तब उन्होंने अपना स्वच्छता श्रमदान (Swachhata Shramdaan) (स्वैच्छिक सफाई कार्य) के लिए दिल्ली के पहाड़गंज के एक स्कूल का दौरा किया था. वहीं आज पीएम जवानों के साथ दिवाली मनाने नौशेरा पहुंचे हैं. उन्होंने जवानों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई. साथ ही ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.