सांसद बदरुद्दीन अजमल ने अपने हिंदू विरोधी बयान पर मांगी माफी

ऑल यूनियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल के हिंदुओं पर दिए विवादित बयान पर असम में बवाल मच गया है। सत्तारूढ़ भाजपा ने अजमल की आलोचना करते हुए कहा कि अजमल औरंगजेब का दूसरा संस्करण है। उसे बिना शर्त तुरंत मांफी मांगनी चाहिए। वह हराम संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है, जिसे किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह कोई ‘मसीहा’ नहीं बल्कि वह वास्तव में एक शिकारी है। भाजपा ने मुस्लिम संस्था से अजमल को दी गई मौलाना पदवी वापस लेने की मांग की है। वहीं हिंदू युबा- चतरा परिषद, असम ने हिंदू लड़कियों पर टिप्पणी को लेकर बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ नौगांव सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।

शुक्रवार को अजमल ने हिंदुओं पर विवादित बयान देते हुए कहा था, हिंदुओं को बच्चों के मामले में मुसलमानों का फॉर्मूला अपनाना चाहिए और बच्चों की कम उम्र में ही शादी कर देनी चाहिए। मुस्लिम युवक 20 से 22 साल की उम्र में शादी करते हैं और मुस्लिम महिलाएं 18 वर्ष की उम्र में शादी करती हैं, जो संवैधानिक है। उन्होंने कहा, वे (हिंदू) शादी से पहले एक, दो या तीन अवैध पत्नियां रखते हैं। वे यहां नहीं रूके, अजमल ने कहा, वे बच्चों को जन्म नहीं देते, खुद का आनंद लेते हैं और पैसा बचाते हैं।

असम के करीमगंज में एक कार्यक्रम में पहुंचे सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा, 40 साल के बाद उनमें बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है। उन्हें मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए। अजमल ने लव जिहाद को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी टिप्पणी की। श्रद्धा कांड के संदर्भ में अजमल ने सरमा के लव जिहाद के दावों का भी जवाब दिया। अजमल ने कहा, मुख्यमंत्री आज देश के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उन्हें कौन रोक रहा है। आप भी चार-पांच लव-जिहाद करते रहो और आप हमारी मुस्लिम लड़कियों को ले जाते रहो। हम आपका स्वागत करेंगे और लड़ाई भी नहीं करेंगे।

अध्यक्ष के इस विवादित बयान पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा प्रवक्ता रंजीव कुमार शर्मा ने कहा, अजमल वास्तव में औरंगजेब का दूसरा संस्करण है। वह हराम संस्कृति का संरक्षक और वाहक है। उन्होंने कहा, भाजपा उनके बयान की कड़ी निंदा करती है और तुरंत बिना शर्त माफी मांगें। इसके साथ ही उन्होंने कहा, भगवान राम और माता सीता के देश में यह महिलाओं का है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से इस पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की।

भाजपा विधायक दिगंत कलिता ने गुवाहाटी में कहा, ‘आप मुसलमान हैं और हम लोग हिंदू हैं। क्या हमें आपसे सीखना पड़ेगा कि हम कैसे रहें? हमें मुसलमानों से सीखने की जरूरत नहीं है। ये भगवान राम और देवी सीता का देश है। यहां बांग्लादेशी लोगों का कोई स्थान नहीं है। अगर आपको ऐसा बयान देना है तो बांग्लादेश में जाकर दें। यहां हम आपको इसकी कतई इजाजत नहीं देंगे।

भाजपा सांसद पबित्रा मार्गेरिता ने अजमल की आलोचना करते हुए कहा, ये शब्द असंवैधानिक हैं और सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किए जाते हैं। वह असम और उत्तर पूर्व में अल्पसंख्यक लोगों विशेष रूप से इस्लाम के लोगों के लिए एक ‘मसीहा’ बनता फिरता है, लेकिन वह वास्तव में एक शिकारी की तरह काम करता है। सरकार को इस इस्लामी एजेंडा के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों को खुले में नहीं छोड़ा जा सकता।

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