सुपुर्द-ए-खाक हुआ मुख्तार अंसारी, कब्रिस्तान के बाहर मौजूद रही भारी भीड़

गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर हजारों की तादाद में मुख्तार के समर्थकों का हुजूम उमड़ा हुआ है. पुलिस सभी समर्थकों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोक रही है. दरअसल, समर्थक चाहते हैं कि वे भी अंतिम बार मुख्तार की कब्र पर मिट्टी डालें.

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी आए हुए लोगों से अपील भी की वो कब्रिस्तान के अंदर जाने की कोशिश ना करें. फिलहाल परिवार के अलावा कोई भी कब्रिस्तान में नहीं जा सकता.

पुलिस लगातार भीड़ को कंट्रोल करने में जुटी हुई है. पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया है कि परिवार के अलावा कोई भी कब्रिस्तान नहीं जा सकेगा. मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है, एक्स्ट्रा फोर्स लगाई गई है और पुलिस ने पूरे रास्ते को ब्लॉक कर दिया है. फिर भी समर्थक कोशिश कर रहे हैं कि वो अंतिम बार मुख्तार की कब्र पर मिट्टी डाल सकें.

मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार से पहले ही गाजीपुर स्थित कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. समर्थक जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. पुलिस इस समय अलर्ट मोड पर है. कब्रिस्तान के बाहर भारी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. यूपी के कोने-कोने से सुरक्षा की खातिर पुलिस को गाजीपुर बुलाया गया है.

Mukhtar 55

25 पुलिस उपाधीक्षक, 15 एडिशनल एसपी, 150 इंस्पेक्टर्स, 300 सब इंस्पेक्टर्स, 10 आईपीएस और 25 एसडीएम समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस कर्मी इस समय गाजीपुर में हैं. इसके अलावा, गाजीपुर डीएम, डीआईजी, आईजी, एडीजी जोन, सीडीओ गाजीपुर, पीएसी की 10 बटालियन, आरएएफ, यूपी पुलिस के 5000 जवान और होमगार्ड के पांच हजार जवान इस समय सुरक्षा के लिए मोहम्मदाबाद में तैनात हैं. मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 900 मीटर की दूरी पर पुलिस तैनात की गई है.

पिता की कब्र के ठीक सामने मुख्तार की कब्र

बता दें, पिता सुबहानल्ला अंसारी की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी को दफनाया गया. उसके ठीक बगल में उसके माता जी की कब्र है. यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र भी हैं. मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए.

हार्ट अटैक से मुख्तार की मौत

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है. बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके शव को बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया. मुख्तार की मौत के बाद से ही गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस हाईअलर्ट पर है. पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है. दरअसल, बांदा जेल में अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज इलाज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था. मुख्तार के पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था.

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