मुंबई पुलिस का पलटवार: थाने में चाय पीते नज़र आये नवनीत राणा और रवि राणा

नवनीत राणा द्वारा लगाए गए दुर्व्यहार के आरोपों के बीच मुंबई पुलिस ने पलटवार किया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय ने अपने ट्विटर हैंडल पर  वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी का है। इसमें नवनीत राणा और रवि राणा थाने में चाय पीते नजर आ रहे हैं। दोनों बहुत ही सहज तरीके से थाने में बैठे हुए हैं और बातें कर रहे हैं। 

यह वीडियो मुंबई पुलिस कमिश्नर ने ऐसे समय पर जारी किया है, जब नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पुलिस ने न ही उन्हें पानी पीने दिया और टॉयलेट भी नहीं जाने दिया। 

लोकसभा स्पीकर को लिखा था पत्र
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया और कहा, पुलिस उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है। आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में अराजकता की स्थिति बनी हुई है।

29 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई
हनुमान चालीसा विवाद मामले में गिरफ्तार चल रहे नवनीत और रवि राणा को फिलहाल मुंबई की सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दोनों की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट की ओर से सुनवाई को टाल दिया गया। अब इस मामले में 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। दरअसल, राणा दंपती को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपती पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124A यानी राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी थी। नवनीत राणा को सार्वजनिक जगह पर हनुमान चालीसा को लेकर फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक जीवन वालों की जिम्मेदारी ज्यादा है। 

ओम बिरला ने मांगी रिपोर्ट
हनुमान चालीसा विवाद के बाद गिरफ्तार हुईं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महाराष्ट्र सरकार से विवरण मांगा है। ओम बिरला ने 24 घंटे के भीतर नवनीत राणा की गिरफ्तारी का विवरण मांगा है। राणा ने ओम बिरला को पत्र लिखकर पुलिस द्वारा अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने भी महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है। 

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