दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी के मौके पर उनकी मां गांव जवाहरके पहुंचीं। यह वही गांव है, जहां पर गोली मारकर मूसेवाला की हत्या की गई थी। मां चरण कौर अपने बेटे को याद करके फूट फूटकर रोने लगीं। दीवार पर बने गोलियों के निशान देखकर दहल उठीं। जिस स्थान पर बेटे को गोली मारी गई… उस स्थान पर माथा टेका और बेटे की याद में खूब रोईं।
गांव जवाहरके की पंचायत ने सिद्धू की याद में इस स्थान पर उनकी प्रतिमा लगाने की योजना बनाई है। पहली बरसी के मौके पूरे गांव को सिद्धू मूसेवाला के पोस्टरों से सजाया गया और सहज पाठ के भोग डाल ठंडे मीठे पानी की छबील लगाई गई। इसमें नौजवानों ने बढ़कर हिस्सा लिया और यादगार के रूप में मूसेवाला की फोटो भेंट की गई।
गांव के सरपंच त्रिलोचन सिंह और पूर्व सरपंच राजिंदर सिंह जवाहरके ने बताया कि पूरा गांव मूसेवाला के रंग में रंग चुका है। बरसी समागम में लास्ट राइड स्थान को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी तदाद में संगत पहुंची और मूसेवाला के चित्रों के आगे माथा टेका। लखविंदर सिंह लखनपाल ने कहा कि हर गांव से मूसेवाला को इंसाफ देने की आवाज उठी है। वह और पूरा गांव उनके साथ खड़ा है।
जब तक मूसेवाला के कत्ल के साजिशकर्ता नहीं पकड़े जाते। तब तक वह इस संघर्ष में डटे रहेंगे। इसके अलावा नौजवानों ने मूसेवाला के गीत बजाकर उसे श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा मानसा समेत अन्य स्थानों पर मूसेवाला की याद में छबीलें लगाई गईं। सिद्धू मूसेवाला के ताया चमकौर सिंह ने बताया कि 29 मई को गांव मूसा के गुरुद्वारा साहिब में मूसेवाला की याद में पाठ के भोग डाले जाएगे। सोमवार शाम को मानसा के गुरुद्वारा श्री सिंह सभा से लेकर बस स्टैंड तक इंसाफ मार्च निकाला जाएगा।