मुजफ्फरनगर: अलनूर मीट फैक्टरी मामले में पूर्व विधायक समेत 16 आरोपी बरी

मुजफ्फरनगर जनपद में करीब 17 साल पहले सिखेड़ा थाना क्षेत्र की अलनूर मीट फैक्टरी पर हंगामे और तोडफोड़ के मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत 16 आरोपी बरी कर दिए गए हैं। आरोपी विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। 

सिखेड़ा के तत्कालीन थानाध्यक्ष आरडी निगम ने 21 अगस्त 2006 को बुढ़ाना के पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत 20 आरोपियों के खिलाफ फैक्टरी में तोडफ़ोड़, पुलिसकर्मियों पर हमला और बलवे की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई, जबकि तीन की पत्रावली अलग कर दी गई थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को पूर्व विधायक समेत 16 आरोपी विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

ये था मामला
सिखेड़ा थाना क्षेत्र की अलनूर फैक्टरी से मीट निर्यात किया जाता था। छह अगस्त 2006 को फैक्टरी में पांच कर्मचारी काम के दौरान झुलस गए थे। इसके बाद कुछ हिंदू कर्मचारियों और हिंदू संगठनों ने फैक्टरी के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्वामी यज्ञमुनि ने 10 अगस्त 2006 से फैक्टरी के गेट पर हवन शुरू किया और बैठकों का दौर चलने लगा। 21 अगस्त 2006 को करीब 250 लोगों ने हंगामा और तोडफोड़ की। हमले में फैक्टरी के कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इस प्रकरण की सुनवाई विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है।

इन्हें बनाया गया था आरोपी
बुढ़ाना के पूर्व विधायक उमेश मलिक, स्वामी यज्ञमुनि, आरएसएस नेता ओमकार, ललित मोहन, संजय अग्रवाल, राजीव मित्तल, ललित पांचाल, रामानुज दुबे, राजेश गोयल, राजू धीमान, राजेश्वर आर्य, सरोज पाल, अनिल कुमार, धर्मेंद्र तोमर, शरद कपूर, नरेंद्र पंवार, संजीव कौशिक, पुनीत गुलाठी, रावेंद्र और मोहन बाबा को आरोपी बनाया था।

मोहब बाबा की मौत, यज्ञमुनि की पत्रावली अलग
मामले में आरोपी बनाए गए मोहन बाबा की मौत हो चुकी है। जबकि अदालत में लंबे समय से यज्ञमुनि हाजिर नहीं हुए हैं। इसकी वजह से स्वामी यज्ञमुनि, राजू धीमान और रावेंद्र की पत्रावली अलग कर दी गई है।

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