मुज़फ्फरनगर: जिला कारागार में कैदियों को दी जाएगी धार्मिक शिक्षा

अपराध का ककहरा सिखकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे बंदी अब नैतिकता का पाठ पढ़ेंगे। यह पाठ पढ़ाने के लिए बाकायदा मुजफ्फरनगर जिला जेल में तैयारी शुुरू कर दी गई है। मुजफ्फरनगर जेल की तस्वीर बदलने की दिशा में जेल अधीक्षक ने कदम उठाए हैं। सुंदर पुस्तकालय बनाया जा रहा है। इस्लामिक और सनातनी ज्ञान देने के लिए शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी।  

स्लोगन से देंगे शिक्षा
पुस्तकालय को सुंदर बनाने के लिए पेंटिंग का सहारा लिया है। पेंटिंग के साथ ही दीवारों पर स्लोगन लिखे गए है। स्लोगन भी ऐसे हैं जो अपराधियों के कठोर दिल पर सीधा प्रभाव छोड़ता है। इसमें परम पिता से प्रार्थना का भी उल्लेख किया जा रहा है। जेल में एक ऐसे शिक्षित व्यक्ति को खोजा जा रहा है, जो बंदियों को शिक्षा का पाठ पढ़ा सके। उन्हें सामाजिक व व्यवहारिक ज्ञान के साथ ही इतिहास की भी जानकारी देगा।  एक हजार पुस्तक एकत्र की
यदि सूत्रों की मानें, तो जेल में अपराधियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास भी शुरू किए है। इसके लिए एक हजार पुस्तक एकत्र की गई है। इन पुस्तकों को बंदी पुस्तकालय में आकर पढ़ेंगे। पुस्तकों से नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। 

धार्मिक ग्रंथ भी पढ़ने को मिलेंगे
ऐसा भी नहीं है, कि जेल में अपराधी प्रवृत्ति के लोग ही बंद है। कुछ लोग धर्म-कर्म को भी मानने वाले है। ऐसे लोगों की मनोइच्छा ध्यान में रखते हुए उनके लिए रामायण, राम चरित मानस, कुरान ग्रंथ की भी व्यवस्था की जा रही है।

जेल मैनुअल का पालन कराया जा रहा है। बंदियों को सुधारने की दिशा की और ले जाया जा रहा है। उनके मानसिक, बौद्घिक विकास की दिशा में प्रयास किए जा रहे है। ताकि वह जेल से रिहा होकर स्वयं को समाज की मुख्यधारा में शामिल कर सकें और समाज की धरोहर बनें।

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