मुजफ्फरनगर। उच्चतम न्यायालय ने कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को कथित आपराधिक धमकी के एक मामले में बुधवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि मामले में महत्वपूर्ण गवाहों से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है और विधायक नाहिद हसन का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है।
पीठ ने कहा, ”इसमें कोई संदेह नहीं है कि उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ता के जमानत के अनुरोध को खारिज करते हुए तथ्यों के बारे में विस्तार से बताया है। हालांकि, बाद के घटनाक्रमों और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि गवाहों की पहले ही जांच की जा चुकी है और अपीलकर्ता का स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं है, मामले के गुण-दोष पर कोई भी राय व्यक्त किये बिना हम इसे उचित पाते हैं कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाए। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि निचली अदालत मुकदमे में हस्तक्षेप की अधिकारियों की आशंकाओं को ध्यान में रखकर जमानत की शर्तों का निर्धारण करे। पीठ ने कहा, ”इसके संदर्भ में यह निर्देश दिया जाता है कि अपीलकर्ता को निचली अदालत द्वारा लगाई जाने वाली शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाए। शामली जिले के कैराना थाने में हसन और नवाब नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ 2019 में एक महिला शाहजहां द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।