राष्ट्रवादियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है:कंगना

बॉलीवुड इंडस्ट्री की ‘पंगा गर्ल’ कंगना रणौत अपने बयानों की वजह से कानूनी पचड़े में अक्सर फंस जाती हैं। बीते दिनों कंगना ने सोशल मीडिया के जरिए सिख समुदाय के लिए एक बयान दिया था, जिसके बाद कंगना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुआ। इतना ही नहीं, एक्ट्रेस के खिलाफ सिख समुदाय ने शिकायत भी दर्ज करवाई, जिसके बाद आज यानी गुरुवार को कंगना रणौत मुंबई के खार पुलिस स्टेशन पहुंचीं। कंगना यहां पर लगभग सुबह 11 बजे पहुंची थीं और उन्होंने अपना बयान भी दर्ज करवाया, जिसके बाद कंगना लगभग डेढ़ घंटे बाद स्टेशन से बाहर निकलीं।
 
वहीं, बयान दर्ज कराने के बाद कंगना रणौत ने सोशल मीडिया पर एक साथ दो पोस्ट शेयर किए, जिसमें एक्ट्रेस ने अपनी भड़ास निकाली है। इस दौरान कंगना ने शिकायत करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रवादियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इस दौरान कंगना ने अपनी एक तस्वीर भी शेयर की, जो पुलिस स्टेशन के बाहर की है।

दरअसल, कंगना रणौत ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह पुलिस स्टेशन में जाती हुई नजर आ रही हैं। इस तस्वीर के साथ कंगना ने राष्ट्रवादियों के साथ बुरा बर्ताव करने की बात कही। उन्होंने लिखा, ‘एक और दिन पुलिस स्टेशन में, सौ एफआईआर जो राजनीति से प्रेरित है घंटों की पूछताछ।’


इसके आगे कंगना रणौत ने एक और इंस्टा स्टोरी लगाई, जिसमें एक्ट्रेस ने लिखा, ‘यह देश राष्ट्रवादियों के साथ दुर्व्यवहार और अवमूल्यन करना जारी रखता है और अगर आप अपने देश से प्यार करते हैं, तो आप एक बहुत शक्तिशाली दुश्मन के खिलाफ हैं। सत्ता में बैठे लोग वोट बैंक को प्राथमिकता देंगे और इसके लिए वे आतंकवाद को बढ़ावा दे सकते हैं। तो यह एक सुनसान सड़क है और अनुमान लगाओ क्या? यह ठीक है जयहिंद।’

बता दें कि कंगना रणौत ने कृषि कानूनों की वापसी से नाखुश होकर किसानों और सिखों पर आपत्तिजनत कमेंट किया था, जिसके बाद कंगना का हर तरफ विरोध किया गया था। एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। इसके बाद कंगना को 22 दिसंबर को मुबंई पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया। लेकिन कंगना शूटिंग में बिजी थीं और इसी के चलते एक्ट्रेस आज मुंबई पुलिस के सामने पेश हुईं।


कंगना ने अपनी इंस्टा पोस्ट में लिखा था, ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रहे हों, लेकिन उस महिला (इंदिरा गांधी) को नहीं भूलना चाहिए, जिसने अपनी जूती के नीचे इन्हें कुचल दिया था। उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफ दी हो, लेकिन अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, मगर देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी उसके नाम से कांपते हैं ये लोग। इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’

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