एनसीईआरटी की कक्षा 10वीं की किताबें पढ़ने वाले छात्र अब लोकतंत्र का पाठ नहीं पढ़ सकेंगे। एनसीईआरटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कोरोना काल के दौरान हुई पाठ्यक्रम समीक्षा में इससे जुड़ा पूरा पाठ हटा दिया है।
एनसीईआरटी ने गुरुवार, एक जून को जारी बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सामग्री का बोझ कम करने के लिए कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक से तत्वों, लोकतंत्र, राजनीतिक दलों (पूर्ण पृष्ठ) और लोकतंत्र की चुनौतियों के आवधिक वर्गीकरण के पूर्ण अध्यायों को हटा दिया है।
हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी की किताबों को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। बीते महीने से लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी सप्ताह एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान की किताब में उन विवादित अंशों को हटाने की जानकारी दी गई थी, जिनमें श्रीआनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ा गया था। उधर, विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर के जीवन से संबंधित चैप्टर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर, उनके प्रपौत्र रंजीत सावरकर ने खुशी जाहिर की है।