भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक और बड़ी सफलता हासिल कर ली है. इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना के रूप से आतंकित है, तो भारत ने कोरोना के भयंकर माने जाने रूप को भी पहचान लिया है. उसे सफलता पूर्वक आइसोलेट कर लिया गया है. इसके साथ ही ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है. कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है.
आईसीएमआर ने एक ट्वीट में दावा किया कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाये गये सार्स-कोवी-2 के नये प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है. आईसीएमआर ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार को सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में अब सफलतापूर्वक पृथक और कल्चर कर दिया गया है. इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किये गये थे.
गौरतलब है कि ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो पुराने कोरोना वायरस की तुलना में 70 प्रतिशत तक अधिक घातक और तेजी से फैलता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वहीं ब्रिटेन में इसके नये मामले तेजी से पाये जा रहे हैं. न्यू स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन को एक बार फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा और स्कूल-कॉलेज को भी फिर से बंद कर दिया गया है.
नये स्ट्रेन ब्रिटने को लगभग पूरी दुनिया से अलग-थलग करके छोड़ दिया है. भारत ने भी अपनी उड़ाने बंद कर रखी हैं. हालांकि 30 जनवरी तक वहां से आने वाले सभी यात्रियों की जांच अनिवार्य कर दी गयी है.