मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सतत विकास से ही समस्याओं का निदान संभव है। युवा शक्ति के रूप में जो बौद्धिक संपदा राष्ट्र के पास है, उसी के आधार पर 21वीं सदी के नए भारत का निर्माण हो रहा है। युवा शक्ति इस दिशा में भी सोचे कि कैसे अंतिम छोर पर खड़े एक व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जाए। कैसे सामाजिक परिवेश को बेहतर बनाया जाए और अंत्योदय के संकल्प को सिद्ध किया जाए। वह शुक्रवार को आईआईटी रुड़की के 175 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित एनएसएस आईआईटी की ओर से आयोजित ‘सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव-2022′ के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
समारोह का शुरुआत आईआईटी के कुल गीत से हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आईआईटी के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, विधायक प्रदीप बत्रा और महामंडलेश्वर स्वामी यतीश्वरानंद गिरि ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सीएम धामी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक जागरूकता और समाज को विकसित करने का काम करेगा। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने अनेक ऐसे मानक तय किए हैं.
जो कि सतत विकास को मापने का कार्य करते हैं। हमारे सतत विकास को आने वाले समय में दो ही बिंदु परिभाषित करेंगे। पहला हमारे लोगों का स्वास्थ्य और दूसरा पृथ्वी का स्वास्थ्य। उन्होंने कहा कि विकास को सुनिश्चित करने के लिए गरीबी, भुखमरी, रोगों से मुक्ति और प्राथमिक शिक्षा की सार्वभौमिक उपलब्धता जैसी चुनौतियों का सामना करना है।
कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संकट और जल की कमी जैसे मुद्दों और इनके समाधानों पर चर्चा करना रहा। वक्ताओं ने मानव के प्रति समानता को बढ़ावा देकर सभी के लिए बेहतर एवं स्थायी भविष्य की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस दौरान दीर्घकालिक स्थायित्व के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आधुनिक रणनीतियों पर चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न कार्यशालाओं, हैकाथॉन्स, आइडियाथॉन्स, केस स्टडी, पॉलिसी केस प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।