जापानी वाहन निर्माता कंपनी Nissan (निसान) भविष्य के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक नई तरह की बैटरी विकसित करने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA (नासा) के साथ काम कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस स्पेस प्रोग्राम और निसान के बीच सहयोग से सॉलिड-स्टेट बैटरियों का विकास होगा, जिन्हें मौजूदा इस्तेमाल में ली जाने वाली लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में हल्का, सुरक्षित और चार्ज करने में बहुत तेज माना जाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, निसान-नासा साझेदारी द्वारा विकसित सॉलिड-स्टेट बैटरी वाला पहला उत्पाद 2028 में लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, एक पायलट प्लांट लॉन्च किया जाएगा, जो 2024 की शुरुआत में होगा। एक बार एक उत्पाद में पेश होने के बाद, सॉलिड-स्टेट बैटरी लिथियम-आयन बैटरी को पूरी तरह से रिप्लेस कर सकती है।
रिपोर्टों में यह भी पता चलता है कि, तैयार होने पर, निसान और नासा द्वारा विकसित सॉलिड-स्टेट बैटरी ईवी में इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा बैटरी की तुलना में साइज में आधी होगी और बैटरी चार्जिंग का समय घंटों के बजाय कुछ मिनटों में सिमट जाएगा।
नासा के अलावा, जापानी कार निर्माता ने विभिन्न सामग्रियों की टेस्टिंग करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ भी भागीदारी की है जो वर्तमान में उपयोग में आने वाली महंगी दुर्लभ-पृथ्वी धातुओं पर निर्भरता को कम कर सकती हैं। निसान को अपने Leaf EV (लीफ ईवी) का भी फायदा मिलेगा। जिससे वह बैटरी कोशिकाओं से जुड़ी तकनीक को हासिल कर सकती है।
(टोयोटा), Volkswagen (फॉक्सवैगन), Ford (फोर्ड) और General Motors (जनरल मोटर्स) जैसी कंपनियां भी सॉलिड-स्टेट बैटरी पर काम कर रही हैं। हालांकि, निसान के कार्यकारी उपाध्यक्ष, कुनियो नाकागुरो का कहना है कि उनके द्वारा विकसित की जा रही बैटरी “गेम-चेंजर” होगी।