केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही मंकीपॉक्स पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी करेगा। भारत में 25 मई तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, गैर-स्थानिक देशों में मामलों की बढ़ती रिपोर्ट को देखते हुए भारत को तैयार रहने की जरूरत है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया स्वास्थ्य अधिकारियों को अहम निर्देश दे चुके हैं।
कई देशों में मंकीपॉक्स के मामलों के बीच 20 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया था। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया था। मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा के इतिहास वाले किसी भी बीमार यात्री को अलग करने और नमूने जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल4 सुविधा को भेजने के निर्देश दिए गए थे। स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को भारत में स्थिति पर कड़ी नजर रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया था।
एनटीएजीआई चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने किया सावधान
एनटीएजीआई के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि मंकीपॉक्स कोविड जितना संक्रामक या गंभीर नहीं है। हालांकि इसका फैलाव चिंता का विषय है। इसका कमजोर प्रतिरोधी क्षमता वाले लोगों पर गंभीर असर होगा। मंकीपॉक्स की कोविड जैसी निगरानी के लिए सरकार ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
मंकीपॉक्स के संदिग्धों को तय आइसोलेशन सेंटर में रखें: मंत्रालय
दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निगरानी कड़ी करने के निर्देश जारी किए हैं। केंद्र ने राज्यों को सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों से बीते 21 दिन में लौटने वाले लोगों में लक्षणों की जांच करने व संदिग्धों को तय स्वास्थ्य केंद्रों में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में रखने का निर्देश देने को कहा है।
ब्रिटेन, अमेरिका सहित कई देशों में मामले
ब्रिटेन, अमेरिका पुर्तगाल, स्पेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों से मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं और ये लगातार बढ़ता जा रहा है। मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान लेकिन हल्के होते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ मनुष्यों में प्रकट होता है और इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है। यह भी गंभीर हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हाल के दिनों में मृत्यु अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है।