प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को एससी से राहत नहीं

लखीमपुर खीरी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद केन्द्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके पुत्र आशीष मिश्रा मोनू को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है। अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ 22 वर्ष पुराने हत्या के मामले में सजा तय होनी है। इस केस की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से मुख्यपीठ में ट्रांसफर कराने की अजय मिश्रा की अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। लखनऊ खंडपीठ में दस नवंबर को अजय मिश्रा को सजा सुनाई जाएगी।

नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। शुक्रवार को टेनी को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जुलाई 2000 में लखीमपुर खीरी में छात्र नेता प्रभात गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपित अजय मिश्रा टेनी ने सुप्रीम कोर्ट में केस ट्रांसफर की अर्जी दाखिल की थी। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को प्रभात हत्याकांड की सुनवाई का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ही करने का आदेश दिया है। शीर्ष कोर्ट का आदेश है लखीमपुर खीरी के प्रभात गुप्ता हत्याकांड की अंतिम सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ही होगी।

अंतिम सुनवाई दस नवंबर को

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में इस केस की अंतिम सुनवाई दस नवंबर को होनी है। इसके बाद कोई तारीख नहीं बढ़ेगी। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में में आठ जुलाई वर्ष 2000 में समाजवादी पार्टी के उभरते छात्र नेता प्रभात गुप्ता की घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी मुख्य आरोपित हैं, जबकि उनके साथ तीन अन्य को भी सजा सुनाई जानी है। अजय मिश्रा टेनी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लखनऊ बेंच से इलाहाबाद हाई कोर्ट की मुख्य बेंच में ट्रांसफर के लिए याचिका डाली थी।

14 को दोनों पक्ष को एक साथ सुना जाना था

हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में बीती 10 अक्टूबर को प्रभात हत्याकांड के वादी राजीव गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की याचिका को 14 अक्टूबर को एक साथ सुनने का आदेश दिया था। उस दिन चीफ जस्टिस यूयू ललित समेत जस्टिस हेमंत गुप्ता को केस की सुनवाई करनी थी। उसी दिन हेमंत गुप्ता का रिटायरमेंट था तो केस की सुनवाई टल गई थी। इसी बीच 17 अक्टूबर को लखनऊ हाईकोर्ट में केस की सुनवाई लगी थी। जिसमें अगली डेट 10 नवंबर दी गई थी।

लगातार टल रही अंतिम सुनवाई

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के बीस वर्ष पुराने हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सात बार से अंतिम सुनवाई टल रही है। इस केस में टेनी सहित चारों आरोपितों को लोअर कोर्ट ने 2004 में बरी कर दिया था। इसके बाद प्रभात गुप्ता के परिवार के लोगों ने केस को लेकर हाईकोर्ट में अपील कर दी गई। 2004 से 12 मार्च 2018 तक इस केस की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। मार्च 2018 में कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। चार वर्ष आदेश सुरक्षित रहने के बाद 5 अप्रैल 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और सरोज यादव की बेंच ने आदेश किया कि 16 मई 2022 को केस की अंतिम सुनवाई की जाए। जिसके बाद से 17 सितंबर तक सात बार तारीख पड़ चुकी है लेकिन किसी न किसी वजह से फैसला नहीं आ सका है।

वर्ष 2004 से जमानत पर टेनी

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में मुख्य आरोपित अजय मिश्रा टेनी सहित अन्य चार को को लोअर कोर्ट ने 2004 में बरी कर दिया था। 2004 में केस की सुनवाई हाईकोर्ट में हो रही है। 2004 में ही इन्हें जमानत मिल गई थी। तभी से चारों आरोपी जमानत पर हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता रहे प्रभात गुप्ता की आठ जुलाई 2000 को लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें अजय मिश्र टेनी समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था।  

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