दिल्ली में 2015 के बाद एक भी शराब की दुकान नहीं खुली: सिसोदिया

नई आबकारी नीति के खिलाफ चले प्रदर्शन पर दिल्ली सरकार ने भाजपा पर निशाना साधा है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आरोप है कि दिल्ली में भाजपा का शराब माफिया से गहरा नाता है। इससे करीब 3500 करोड़ रुपये की चोरी होती थी। नई आबकारी नीति से इस पर रोक लग गई है। भाजपा इसी वजह से बौखलाई हुई है।

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आरोप है कि दिल्ली में  भाजपा का शराब माफिया से गहरा नाता रहा है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था बना रखी थी कि जहां पर भी शराब की लीगल दुकानें नहीं थी, वहां वे अवैध दुकानें खोलकर माफिया के साथ चलाते थे। नई आबकारी नीति से 3500 करोड़ की राजस्व चोरी रुक गई। भाजपा और शराब माफिया दोनों 3500 करोड़ रुपए की इस चोरी में हिस्सेदारी कर रहे थे। इस चोरी के रुक जाने से भाजपा को दर्द तो होगा ही। केजरीवाल सरकार ने राजस्व चोरी का यह पैसा अब जनहित के काम में लगा रही है।

मनीष सिसोदिया के मुताबिक, 2015 में दिल्ली में 850 शराब की दुकानें थी। इसके बाद दिल्ली में एक भी शराब की दुकान नहीं खुली। नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में अभी 501 शराब की दुकानें ही खुली हैं। पहले जो दुकान चली आ रहीं थी, उनका आवंटन गलत था। कई वार्डों में 15 से 25 दुकान थीं और कई वार्डों में बिल्कुल दुकान नहीं थी। जहां पर शराब की दुकान नहीं थी, वहां भाजपा और माफिया मिलकर अवैध शराब की दुकानें चल रहीं थी। जिसे बंद करा दिया गया है।

मनीष सिसोदिया ने बताया कि पहले शराब की करीब दो हजार अवैध दुकानें थीं। इस पर कार्रवाई करते हुए लगभग सात लाख अवैध शराब की बोतल पकड़ी थीं। इसके अलावा 1,864 एफआईआर और एक हजार वाहन जब्त किए थे। नई आबकारी नीति के आने के बाद यह सारी अवैध शराब की दुकानें बंद हो गई है, जिससे भाजपा बौखला गई है। 

मनीष सिसोदिया का कहना है कि लोगों के टैक्स के पैसे से खरीदे गए डीटीसी बसों में तोड़फोड़ कर रही, उन्हें पंचर कर रही। यह भाजपा की जन-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। कोरोना का यह काल जनता की सेवा करने का है न कि चोरी बंद होने पर अपराधी बन जनता को परेशान करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का है। भाजपा के प्रदर्शन से दिल्ली की दो करोड़ जनता बेहद दुखी है। इस कृत्या के लिए जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।

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