कुख्यात विकास दुबे का लखनऊ वाला मकान भी सील

कानपुर में दो साल पहले आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपित कुख्यात विकास दुबे का लखनऊ के कृष्णानगर में स्थित मकान गुरुवार शाम को सील कर दिया गया। पुलिस के पहुंचने पर मकान में ताला लगा था। पुलिस दीवार फांदकर अंदर पहुंची। कानपुर के डीएम ने लखनऊ पुलिस को गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई करने का आदेश दिया था। एसीपी कृष्णानगर पवन गौतम ने डुगडुगी पिटवायी और परिवारीजनों को तीन महीने का समय देने की बात कही। इस समय अवधि में अगर परिवारीजन इस सम्पत्ति के कागजात लेकर कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो इसे कुर्क कर दिया जायेगा।

एसीपी कृष्णानगर पवन गौतम के मुताबिक बिकरू कांड के आरोपित विकास दुबे की सम्पत्ति सीज करने का आदेश डीएम कानपुर ने दिया था। कानपुर में उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। इसके तहत की कृष्णानगर की इन्द्रपुरी कालोनी में एसीपी, इंस्पेक्टर आलोक राय पुलिस फोर्स के साथ चार बजे पहुंचे।

ताला बंद मिला था पुलिस को
पुलिस जब इंद्रलोक कॉलोनी स्थित विकास दुबे के घर पहुंची तो वहां ताला बंद मिला। काफी प्रयास के बाद भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस पर पुलिस पड़ोसी चहारदीवारी फांद कर अंदर घुसी। कुछ पुलिसकर्मी पड़ोसी की दीवार से छत पर भी पहुंचे। पुलिस ने कालोनी में मुनादी करवायी, फिर दरवाजों पर सील बंद की कार्रवाई की। साथ ही एक बैनर भी लगवाया। फिर बाहर निकलने के बाद पुलिस ने मेन गेट को भी सील कर दिया। पुलिस और प्रशासन ने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवायी।

तेलीबाग चला गया परिवार
इंस्पेक्टर आलोक राय ने बताया कि पुलिस के पहुंचने पर विकास की पत्नी रिचा घर मे ताला लगा कर चली गई थी। उसने पड़ोसियों को बताया था कि वह तेलीबाग में किराये के मकान में रहेगी। 

दो जुलाई 2020 को सनसनीखेज कांड
दो साल पहले दो जुलाई 2020 को बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सीओ बिल्हौर देवेन्द्र कुमार मिश्र और एसओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके सात दिन बाद विकास दुबे ने मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण कर दिया था। वहां से लखनऊ लाते समय विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया था।

इसी दौरान एसटीएफ ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था। इस मामले में 45 आरोपित जेल में बंद है। इस केस का अभी ट्रॉयल चल रहा है। कानपुर में पुलिस ने विकास का घर ढहवा दिया था। उसकी लग्जरी कारें तक क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। कुछ समय पहले इंद्रलोक कालोनी स्थित मकान की पैमाईश इंजीनियर कमलजीत सिंह के नेतृत्व में करायी गई थी। पर, कोई खामी न मिलने पर इसे ढहाया नहीं जा सका था।

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