दिल्ली में अब हर कोरोना मरीज की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सभी सक्रिय मामलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. इसके साथ ही केजरीवाल ने केंद्र सरकार से बूस्टर डोज को मंजूरी देने की मांग की.

दिल्ली सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया है कि कोरोना काल में मिल रहे मुफ्त राशन को और छ: महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है. अब राशन 31 मई तक दिया जाएगा.

अब हर कोरोना मरीज के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब हर कोरोना मरीज के सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी. अबतक सिर्फ विदेश या रिस्क कंट्री से आने वाले यात्रियों की जीनोम सिक्वेंसिंग होती थी. रविवार को 100 से ज्यादा कोरोना मामले आने के बाद यह फैसला लिया गया. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना की रफ्तार धीमी थी, इसलिए 100 केस आने पर सभी को हैरानी हुई.

जीनोम सिक्वेसिंग क्या होती है?

हमारी कोशिकाओं के भीतर आनुवंशिक पदार्थ (Genetic Material) होता है. इसे DNA, RNA कहते हैं. इन सभी पदार्थों को सामूहिक रूप से जीनोम कहा जाता है. एक जीन की तय जगह और दो जीन के बीच की दूरी और उसके आंतरिक हिस्सों के व्यवहार और उसकी दूरी को समझने के लिए कई तरीकों से जीनोम मैपिंग (Genome Mapping) या जीनोम सिक्वेंसिंग की जाती है. जीनोम मैपिंग से पता चलता है कि जीनोम में किस तरह के बदलाव आए हैं. यानी ओमिक्रॉन (Omicron) की जीनोम मैपिंग होती है तो इसके जेनेटिक मटेरियल की स्टडी करके यह पता किया जाएगा कि इसके अंदर किस तरह के बदलाव हुए हैं. यह पुराने कोरोना वायरस से कितना अलग है.

ओमिक्रॉन के कहां कितने केस

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन देश के 12 राज्यों में अपनी दस्तक दे चुका है. ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में 54 केस मिल चुके हैं. वहीं दिल्ली इस मामले में दूसरे नंबर है यहां अभी तक कोरोना के 24 मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं तेलंगाना 20 मरीजों के साथ तीसरे नंबर है. राजस्थान में 17, कर्नाटक में 14 , गुजरात में 11, केरल में 11, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक मरीज मिला है.

केजरीवाल ने आगे बताया कि आज सोमवार को दिल्ली में ओमिक्रॉन को लेकर DDMA की बैठक हुई थी. वह बोले कि ओमिक्रॉन के लक्षण बेहद माइल्ड हैं और मौत के चांस कम हैं, इसलिए दिल्ली वालों को पैनिक की जरूरत नहीं है. बताया गया कि अस्पताल, ऑक्सीजन और दवाई के इंतजाम कर लिए गए हैं.

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