ओडिशा ट्रेन हादसे का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

ओडिशा रेल हादसे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल बनाया जाए, जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करे। जनहित याचिका में लोगो ंकी सुरक्षा करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली (जिसे कवच सुरक्षा प्रणाली कहा जाता है) के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। 

ट्रेन हादसे की वजह की पहचान हुई- रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे की असल वजह की पहचान कर ली गई है और हादसे से प्रभावित हुई पटरियों की सामान्य सेवाओं के लिए बुधवार तक मरम्मत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे की वजह ‘प्वाइंट मशीन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से संबंधित है। वैष्णव ने इस घटना का ‘कवच’ प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया। रेल मंत्री ने कहा, ‘‘दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे तो सभी जानकारियां पता चलेंगी।”

रेलवे अपने नेटवर्क में ‘कवच’ प्रणाली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, ताकि रेलगाड़ियों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों को रोका जा सके। गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

ओडिशा मुख्यमंत्री ने मुआवजा राशि का किया ऐलान 
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर के पास बाहानगा बाजार में हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को रविवार को पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए की, जबकि हादसे में घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इससे पहले, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।

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