नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के संचालन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रशासन जनता को सत्ता सौंपना नहीं चाहता है। मौजूदा सरकार बेताज बादशाहों की तरह शासन करना जारी रखना चाहती है। उमर ने सोमवार को अनंतनाग-राजोरी संसदीय क्षेत्र के लिए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत के दौरान ये बातें कहीं।
अब्दुल्ला ने कहा, “हम लोकसभा चुनावों के साथ-साथ चुनाव भी चाहते थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सरकार ने इसमें झोल किया, क्योंकि वे लोगों को दोबारा सत्ता नहीं सौंपना चाहते। वे बेताज बादशाहों की तरह शासन कर रहे हैं।’
इससे पहले यहां दक्षिण कश्मीर जिले के दमहाल हांजीपोरा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेकां नेता ने कहा कि नौकरशाहों ने सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव कराने में बाधाएं डालीं। उमर ने कहा कि पहले भाजपा सरकार कहती है कि हालात सामान्य है, लेकिन विधानसभा चुनाव कराए जाने पर असुरक्षा का माहौल बन जाता है।
उन्होंने कहा, “अगर बंदूकों का खतरा नहीं है, तो आपको (सरकार) ज्यादा सुरक्षा तैनाती की जरूरत नहीं है और अगर जरूरत नहीं है, तो आपको चुनाव कराने चाहिए थे। वास्तविकता यह है कि वे खराब हो रहे हैं
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को इस साल सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा से पहले विधानसभा चुनाव कराने होंगे, जो शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना आदेश पारित करते समय दिया था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी कहा है कि समय सीमा से पहले चुनाव होंगे।
ईवीएम के बारे में विपक्षी दलों की शिकायत पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही वह चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ शिकायत करें, फिर भी उनका इस्तेमाल किया जाएगा क्योंकि ईसीआई फिर से कागजी मतपत्रों का उपयोग करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, हमें अपने एजेंटों को सतर्क रखना होगा और उनके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने देनी होगी।’
सीएए सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं
सीएए पर एक सवाल के जवाब में, नेकां नेता ने कहा कि सीएए सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि कई अन्य अल्पसंख्यक भी हैं जिन्हें इसके दायरे से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘यह भाजपा की पुरानी आदत है और वे अपना तरीका नहीं सुधारेंगे।’
पीएजीडी कायम है, जल्द होगी मुलाकात
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में, अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन कायम है, ‘इसकी स्थिति का क्या हुआ? हम अपनी अलग-अलग पार्टियां चलाते हैं… हमने एक साथ और व्यक्तिगत रूप से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं।’ …और आज, मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से बात कर रहा हूं, क्या इसका मतलब यह है कि कोई पीएजीडी नहीं है। यह कायम है और वे एक या दो दिन में मिलेंगे।’
जल्द होगी उम्मीदवारों की घोषणा
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के गुज्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद निर्वाचन क्षेत्र के लिए नेकां के उम्मीदवार होंगे, अब्दुल्ला ने कहा कि वे उचित समय पर उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। अल्ताफ को जब भी पार्टी ने बुलाया है, वह शामिल हुए हैं। वह हमारी पार्टी के सहयोगी हैं और हमारे कार्यक्रमों में शामिल होना उनके लिए कोई नई बात नहीं है और वह ऐसा करना जारी रखेंगे।’
नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन करने का भाजपा का मकसद बांटो और राज करो। कहा, ‘परिसीमन उसी तरह से किया गया जैसे अंग्रेजों ने किया था बांटो और राज करो। वही यहां किया जा रहा है। कश्मीर को जम्मू से, हिंदुओं को मुसलमानों से, गुज्जरों को पहाड़ों से लड़ाया जा रहा है, उद्देश्य दक्षिण कश्मीर पर सफलता हासिल करना है। लोग मूर्ख नहीं हैं। वे देश के बाकी हिस्सों में भाजपा के दृष्टिकोण को जानते हैं।’
चुनावी बांड से नेकां को मिले 50 लाख रुपये
चुनावी बांड विवाद पर उन्होंने कहा कि जहां भाजपा को लगभग 6,900 करोड़ रुपये की भारी राशि का भुगतान किया गया। वहीं उनकी पार्टी को केवल 50 लाख रुपये मिले।
उमर ने कहा, “मेरे एक मित्र ने हमें पार्टी चलाने के लिए 50 लाख रुपये का बांड दिया। यह 50 लाख रुपये बनाम 6,900 करोड़ रुपये है। इसकी कोई तुलना नहीं है। लेकिन, केवल उन लोगों को पैसे का उपयोग करने की जरूरत है, जिनके पास लोगों का समर्थन नहीं है। 50 लाख रुपये की राशि हमारे लिए पर्याप्त है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लोग एनसी के साथ हैं।’बडगाम में महाराष्ट्र गेस्ट हाउस पर उमर मुखर
बडगाम में महाराष्ट्र गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए हरी झंडी दी गई है। इसे लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इससे लोगों को निजी होटलों के बजाए गेस्ट हाउस में ठहरा जाएगा। प्रदेश में अक्तूबर में उनकी सरकार बनी तो वह फिर देखेंगे इस गेस्ट हाउस का क्या होना है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद महाराष्ट्र जम्मू-कश्मीर में सरकारी गेस्ट हाउस बनाने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। यह गेस्ट हाउस मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के इछगाम में 2.5 एकड़ भूमि में बनाया जाएगा।