ओमिक्रॉन: 7 राज्यों में हर संक्रमित मरीज की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग, दिए गए निर्देश

देशभर में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. कुल ओमिक्रॉन मामलों की संख्या 300 से अधिक हो गई है. इसमें हैरानी की बात ये सामने आई है कि करीब 27 फीसदी ऐसे लोग इस नए वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं, जो ना तो विदेश यात्रा से लौटे हैं और ना ही लौटने वाले किसी शख्स के संपर्क में आए हैं. ऐसे तीन मामले राजधानी दिल्ली में मिले हैं (Delhi Omicron). ये मरीज पांच सितारा होटल में शादी समारोह के दौरान संक्रमित हुए हैं. जिसके चलते अब केंद्र सरकार ने सात राज्यों के बड़े शहरों को अलर्ट पर रखा है.

इस बीच ध्यान देने वाली बात ये है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओमिक्रॉन के कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की पुष्टि अभी तक नहीं की है. लेकिन सरकार को ऐसी आशंका है कि इन महानगरों में सबसे पहले सामुदायिक प्रसार देखने को मिल सकता है. इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महानगरों को शामिल किया गया है. यहां कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित मिले हर मरीज का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य निदेशक और सचिव को लिखित में निर्देश जारी किए हैं.

जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर पत्र लिखे

मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार रात तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के 222 मामले दर्ज हुए थे. इनमें से 60 मरीजों की यात्रा से जुड़ी जानकारी नहीं मिल सकी है. ये सभी लोग दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों से हैं. आगे चलकर हालात नियंत्रित रह सकें, इसके लिए मंत्रालय ने इन सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के लिए पत्र लिखे हैं. इस संबंध में इंडियन सार्स-कोवी-2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) के नेटवर्क से जुड़ी लैब को सूचित कर दिया गया है. जिससे हर मरीज की जीनोम सीक्वेंसिंग सुनिश्चित की जा सके. दिल्ली में पिछले बुधवार से ही ये प्रक्रिया शुरू हो गई है. यहां ऐसी चार लैब हैं, जिनमें 100-125 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हो रही है.

सामुदायिक प्रसार का खतरा बढ़ा

राज्यों को लिखे गए पत्र में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉक्टर सुजीत कुमार सिंह ने कहा है कि इन बड़े शहरों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामुदायिक प्रसार (Community Transmission) का खतरा अधिक बना हुआ है. यहां स्थानीय क्लस्टर भी दिख रहे हैं. इसलिए यहां अधिक से अधिक निगरानी बढ़ाए जाने की जरूरत है. यहां समय रहते मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए क्वारंटीन, टेस्टिंग और आइसोलेशन जैसे तरीकों पर काम करना होगा.

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