हाईकोर्ट की चुनाव टालने की अपील पर अनुराग ठाकुर ने कहा- कब इलेक्शन होंगे, यह चुनाव आयोग ही तय करेगा

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों को टालने के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करती है, तो उसे ही यह तय करना होगा कि चुनाव कब होंगे. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने और आगामी विधानसभा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह किया था.

कोर्ट ने कहा था कि यदि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है.

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा था, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है.

रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन असंभव- कोर्ट

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा, “ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मौत हुई. अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है, जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं, जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है. इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे.”

जस्टिस यादव ने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे. उन्होंने चुनाव आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और अखबारों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया.

कोर्ट ने कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं और रैलियां, सभाएं रोकने एवं आसन्न चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि “जान है तो जहान है.”

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