मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर सैकड़ों अफसरों को ठगने वाला गिरफ्तार

लखनऊ। मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर प्रदेश के सैकड़ों अधिकारियों को धमकाकर लाखों रुपये की वसूली करने वाले शातिर को एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को विभूतिखंड से दबोच लिया। आरोपी की पहचान अमेठी के रायदेपुर का रहने वाला अजय कुमार मिश्रा उर्फ अरविंद कुमार मिश्रा के रूप में हुई। उसके पास से कई कंपनियों के सिमकार्ड मिला है। जिनका इस्तेमाल कर अधिकारियों को धमकाता था।

एसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, वर्तमान में अजय कुमार ने अपना ठिकाना झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि स्थित मूसाबनी में बना रखा था। आरोपी अजय काफी दिनों से विभिन्न विभागों में तैनात अधिकारियों को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर कॉल करता था। उनको रौब में लेता फिर कई तरह की जांच व शिकायतों का हवाला देकर रुपये वसूलता था। इस मामले में लखनऊ, कौशांबी, बहराइच, हरदोई, देवरिया, बलरामपुर, जालौन व पीलीभीत में मुकदमे दर्ज हैं। बृहस्पतिवार को आरोपी को एसटीएफ ने विभूतिखंड इलाके से दबोच लिया। टीम ने उसके पास से आधार कार्ड, तीन फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 3 मोबाइल, 8 अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड, एक एटीएम, चेकबुक, रेलवे टिकट, होटल का कार्ड, उत्तर प्रदेश की सरकारी नंबरों की डायरेक्टरी व नकदी बरामद की।

एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी अरविंद मिश्रा प्रदेश के कई जिलों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड व उड़ीसा के कई जगहों से कॉल करता था। आरोपी की कुंडली खंगालनी शुरू की तो सामने आया कि बहराइच, कौशांबी व औरैया से अधिकारियों को धमकी देकर वसूली के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। वर्तमान में जमानत पर बाहर है। उसके मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाया तो पता चला कि झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि, छत्तीसगढ़ के रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर व उड़ीसा के कालाहांडी व बलनगीर इलाके में घूमकर लोगों को कॉल करता है। एसटीएफ की टीम ने उसे उड़ीसा के कोसिंगा से पकड़ा। पूछताछ के लिए लेकर लखनऊ पहुंची। पूछताछ में कई राज सामने आए हैं। अजय ने लखनऊ, कौशांबी, बहराइच, हरदोई, देवरिया, बलरामपुर, जालौन व पीलीभीत के अधिकारियों को धमकाकर वसूली की बात कुबूली।

फेल होने के बाद बनवाया फर्जी प्रमाण पत्र

एसटीएफ की पूछताछ में अजय ने कुबूला कि 2003 में जूनियर हाईस्कूल अमेठी में अपने असली नाम अजय कुमार मिश्रा के नाम से परीक्षा दी। जिसमें 8वीं में फेल हो गया। इसके बाद 2015 में मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर कॉल कर ठगी शुरू की। लेकिन पकड़ा गया। जेल से निकलने के बाद पहचान बदलने के लिए जूनियर हाईस्कूल अमेठी के प्रधानाध्यापक मौर्या को 2016 में रुपये दिए। उसी साल फर्जी तरीके से 8वीं की पास परीक्षा का प्रमाण पत्र व टीसी तैयार कराया। जिसमें नाम बदलकर अरविंद कुमार मिश्रा कर दिया। इसी आधार 2018 में रणवीर रणंजय इंटर कॉलेज अमेठी से हाईस्कूल की परीक्षा पास की। इसके बाद बदले हुए नाम अरविंद मिश्रा का प्रमाण पत्र भी मिल गया। इसी नाम से आधार कार्ड व अन्य सरकारी दस्तावेज तैयार किए।

सूचना डायरी से नंबर निकालकर करता था कॉल
एसटीएफ के मुताबिक, अजय मिश्रा ने सूचना विभाग से जारी होने वाली डायरी हासिल की। इसके बाद इसी से अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर कॉल करता था। उनके खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय में आई शिकायतों को दबाने व बचाने के लिए रुपये की मांग करता था। अजय ने कुबूला कि फरवरी 2021 में कौशांबी के मंझनपुर व औरैया के विधुना से जेल गया था। जून 2021 में जमानत मिली। इसके बाद फिर से ठगी करने लगा। अब तक 100 से अधिक अधिकारियों को ठग चुका है। एसटीएफ के मुताबिक, लखनऊ के हजरतगंज, बहराइच के नगर कोतवाली, औरैया विधुना, कौशांबी के मंझनपुर, हरदोई के बेनीगंज, देवरिया सदर कोतवाली, बलरामपुर उतरौला, जालौन के उरई, पीलीभीत के पूरनपुर में मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी पुलिस अजय के खिलाफ दर्ज मुकदमों की डिटेल मंगा रही है।

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