संसद के मॉनसून सत्र में पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और महंगाई जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों का मंथन चला. जिसकी अगुवाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने की. दरअसल मंगलवार यानी आज राहुल गांधी ने सियासी दलों को चाय-नाश्ते का न्योता दिया. दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुलावे पर विपक्षी नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में आईएनसी (INC), एनसीपी, एसएस(SS), आरजेडी (RJD), एसपी (SP), सीपीआईएम (CPIM), सीपीआई (CPI), आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम, जेएमएम, एनसी, टीएमसी और एलजेडी के नेता पहुंचे.
हालांकि इस बैठक से आम आदमी पार्टी और बहुजन पार्टी ने दूरी बनाकर रखी. दोनों दलों के कोई भी नेता राहुल गांधी के ब्रेकफास्ट मीटिंग में नहीं पहुंचे. विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि मेरे विचार से सबसे अहम बात यह है कि हम एकजुट होते हैं. यह आवाज (जनता की) जितनी एकजुट होगी, यह आवाज उतनी ही शक्तिशाली होगी.भाजपा-आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा.
इसके आगे राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती हैं. लेकिन पेट्रोल-डीजल जैसे मुद्दों पर हम सभी को आवाज उठानी चाहिए.
बैठक के बाद विपक्षी एकता दिखाने के लिए विपक्षी दलों के नेता राहुल गांधी के साथ साइकिल से संसद पहुंचे. राहुल गांधी ने बैठक में नेताओं से संसद तक साइकिल मार्च करने का आह्वान किया था. जिसके बाद कई नेता राहुल गांधी के साथ साइकिल चलाकर संसद पहुंचे.
राहुल गांधी यूपी चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस ये तय करे कि उसे यूपी में चुनाव बीजेपी से लड़ना है या फिर समाजवादी पार्टी से. यूपी में क्या कांग्रेस सपा एक साथ फिर चुनावी मैदान में उतरेगी इसपर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन राहुल गांधी की ये कोशिश आनेवाले आम चुनाव को भी लेकर है.